आद्यशक्ति माँ - डॉ. विमुखभाई यु. पटेल
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माँ की पूजा जो करे,बनता उसका काम।
जिसके सिर पर माँ नहीं,हो जाता गुमनाम।
आद्यशक्ति माँ वो सदा,करती है उपकार।
शीतल कर संसार को,लाती मधुर बहार।
माँ का स्नेह लगे हमें,निर्मल धवल कपास।
माँ का हृदय रहे सदा,स्निग्ध स्नेह के पास।।
माँ की चुनरी देखकर,खिलने लगा पलाश।
आँचल ममता से भरा,हर्षित है आकाश।।
माँ का दिल वैसा लगे,जैसा सेमल फूल।
दूर करे माँ का चरण,जीवन से सब शूल।।
माँ का आशीष जग में,लगे कौस्तुभ समान।
अनुपम अमोल रत्न ये,बढ़ाए सबकी शान।।
डॉ. विमुखभाई यु. पटेल
गुजरात
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