Tuesday, 8 April 2025

ईद - डॉ० अशोक

 

ईद - डॉ० अशोक
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 ख़ुशी का दिन कहूं या त्योहार, 
इसकी सोहबत में,
खुशियां मिलती है ख़ूब अपार।

प्रेम भाइचारे और सामूहिक ख़ुशी का प्रतीक है,
ज्ञान दर्पण में,
सबसे खूबसूरत त्योहारों में,
यही जिंदगी का,
एक हकीकत है,
कह सकते हैं हम-सब के संदीप हैं।

मदद करने की परम्परा का,
सबसे खूबसूरत उपहार है।
ज्ञान दर्पण में उम्मीद बनाएं रखने वाले लोगों को,
यही जिंदगी है,
सबसे बड़ा आभार है।

प्रेम भाइचारे और सुकून देने वाली ताकत बनकर,
इसकी अहमियत को लेकर,
बड़ी नजदिकियां लाती है।
सहर्ष स्वीकार कर एक सुखद अहसास दिलाने में,
सबको करीब लाने की ताकत देते हुए,
हमेशा आगे बढ़ने में,
इन्सानियत की कोशिश कर,
हर्षित मन को तसल्ली देती है।

सारा सच है तो दुनिया में,
ईद मुबारक एक सुखद अहसास दिलाने वाली ताकत है।
सहर्ष स्वीकार किया जा सकता है,
यही इस त्योहार का,
सबसे बड़ा प्यार है।

 ईद मुबारक को साकार करने में,
गरीब -अमीर धरती की जरूरत है।
इसकी वजह से ही,
इसकी बढ़ रही अहमियत है।

सारा सच एक साहित्यिक विधा की उन्नत खोज है,
इसकी वजह से ही,
दुनिया एक सुखद अनुभव का संकल्प है,
हम कह सकते हैं,
यही अफरोज है।

डॉ ०अशोक, पटना, बिहार

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