Friday, 11 April 2025

मंदिर - अनन्तराम चौबे अनन्



मंदिर - अनन्तराम चौबे अनन् 

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काशी मथुरा और अयोध्या उज्जैन महाकाल का मंदिर है । श्रीराम कृष्ण और शिव विराजे मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है । कैलाश विराजे शिव शंकर महादेव की लीला न्यारी है । शिव पार्वती संग लीला देखो शंकर भोले बाबा भंडारी है । भगवान के मंदिर में सभी श्रद्धा विश्वास से जाते हैं छोटा बड़ा जो भी मंदिर हो भगवान वहां पर रहते हैं । प्रसाद के लड्डू में मिलावट कोई अधर्मी ही करता है । जाति धर्म बदनाम करने को साजिश ऐसी कोई करता है । धर्म में श्रद्धा आस्था जो रखता है मंदिर से भी वो जुड़ा रहता है । गृहस्थ जीवन को जीकर भी जीवन अपना सफल बनाता है । मंदिर में ईश्वर की पूजा करना समय मिले ध्यान लगाना । मनुष्य का तन मिला है तो पूजा भक्ति भी करते रहना। सुखमय जीवन जीना है तो परोपकार भी करना है । सारा सच है जैसी सामर्थ हो परोपकार भी, वैसा करना है । मंदिर में पूजा पुण्य का काम है पुण्य का फल मीठा मिलता है । आज नहीं तो कल मिलता है जीवन भी सुख मय रहता है । धर्म पूजा में श्रद्धा जो रखता है फल भी उसको मिलता है । परोपकार करने वाला ही सबकी दुआएं पाता रहता है । माता पिता की सेवा करना कभी दुखी न उनको रखना । माता पिता की सच्ची सेवा ही ईश्वर की जैसे पूजा करना है । सच्ची राह किसी को दिखाना सारा सच पुण्य का काम होता है। छोटा छोटा श्रम दान करो तो वो भी परोपकार ही होता है । प्यासे को पानी पिला दो भूखे को दो रोटी खिला दो । पक्षियों को दाना खिला दो मंदिर में पूजा जैसा होता है । महिलाएं अक्सर ही मंदिर में भजन कीर्तन करती रहती है । घर परिवार में खुशियां रहें मंदिर में यही कामना करती है पूजा, भक्ति ,धर्म कर्म भी श्रद्धा से जीवन में करना है । सारा सच है मोक्ष मिलेगा जीवन जो सार्थक करना है । अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र

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