चलो चले महाकुंभ - पदमा तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
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चलो करें तैयारी महाकुंभ की,
प्रयागराज को जाना है।
पग पग संत समागम,
चरणों में शीश झुकाना है।।
बारह पूर्ण कुंभ के बाद,
महाकुंभ जब आया।
एक सौ चबालीस वर्ष पर्यंत,
अमृत वर्षा का फल पाया।।
ऋषि मुनि गंधर्व देव,
सब प्रयाग की ओर चले।
कृपा हुई ईश्वर की जिन पर,
इन सबसे वह आन मिले।।
गंगा जमुना सरस्वती संगम
करने स्नान जाना है।
पग पग संत समागम,
चरणों में शीश झुकाना है।।
समुद्र मंथन की नवरत्नों से,
गिरी थी बूंदे सुधा की।
प्रयाग हरिद्वार नासिक उज्जैन
महिमा अनंत पावन धरा की।।
लेकर डुबकी महाकुंभ में,
पुण्य लाभ कमाना है।
गूंज रही जहां मंत्र ऋचाएं,
जीवन सफल बनाना है।।
चलो करें तैयारी महाकुंभ की,
प्रयागराज जाना है।
पग पग पर संत समागम
चरणों में शीश झुकाना है।।
@पदमा तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
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