जाने ये कैसी प्रीत लगी है
मन चितवन बस तेरी प्रीत बसी है
नयनो मे मेरे तुम ही प्रीतम
कैसी ये तुम संग प्रीत लगी है
अंखियों मे मेरे तुम ही प्रीतम
बतियों मे मेरे तुम ही प्रीतम
पायल की रूनझुन तुम प्रीतम
चूडी की खनखन तुम प्रीतम
जाने ये कैसी प्रीत लगी है
मन चितवन तुमरी प्रीत बसी है
तुम बिन जीवन सूना लागे
वार त्योहार अधूरा लागे
साज श्रृंगार न पूरा लागे
कैसी ये मन की डोर बंधी है
मन चितवन बस तेरी प्रीत बसी है
साथ निभाना मेरे प्रीतम
भूल न जाना मेरे प्रीतम
वचनो के धागो मे बंध कर
कसमों और वादों को करके
दिल तोड न जाना मेरे प्रीतम
साथ निभाना मेरे प्रीतम
मन चितवन तेरी प्रीत बसी है
जाने ये कैसी प्रीत बसी है
तुम संग दुख भी ऐसा लागे
जैसे श्री राम खडे थे सिया के आगे
कांटो से भरे वन मे भी रह के
दुख भी सिया को सुख सा लागे
मन चितवन तेरी प्रीत बसी है
जाने ये कैसी ..........
Simple Bhawna
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