Saturday, 15 March 2025

महिला दिवस - सागर सिंह भूरिया,



महिला दिवस प्रतिवर्ष महिलाओं द्वारा कीये गये देश और समाज के प्रति संघर्ष और योगदान तथा उनकी शानदार उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए तथा उनकी आर्थिक अवस्था को सुधारने के लिए बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। महिलाएं हमारे परिवार की एक रीढ़ की हड्डी हैं।  इनके बिना परिवार और समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

        ये भी सच है कि महिलाओं के बारे में जितना भी लिखा जाये उतना ही कम है। महिलाओं में वो शक्ति है जो ढेरों दुःख सह लेती है। महलों का सुख त्याग कर एक झोंपड़ी में भी रह लेती है। मां सीता बनकर चौदह साल वन में गूजारती है। कभी पार्वती बनकर शिवजी के संग कैलाश पर्वत में वास करे। दुर्गा, महाकाली चण्डी का रूप धारण कर राक्षसों का विनाश करे।
         आज हमें इस बात का गर्व है कि हमारे भारत की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है तथा अपने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रही है।
       ये भी सच है कि कुछ राज्यों में अभी भी हमारी बहुत सारी महिलाएं आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ी हुई है, जिनका जीवन स्तर सुधारने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है। यदि हम एक महिला को शिक्षित करते हैं तो वह आगे दो परिवारों का सुधार करती है। इसलिए महिलाओं का शिक्षित होना समाज के लिए बहुत आवश्यक है।

                       सागर सिंह भूरिया,
                       बैजनाथ, कांगड़ा, (हिमाचल प्रदेश)

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