पूजा
[ कविता ]
आव -भगत की बड़ी कोशिश में,
पूजा की बड़ी जीत है।
यही जिंदगी को बेहतर बनाने की,
सबसे खूबसूरत रीत है।
इसकी संगत में सुकून है,
मीठापन का संकल्प है।
हमेशा कोशिश करते हुए रहने की सीख है,
हमें आगे बढ़ने में देती प्रकल्प है।
सारा सच है तो श्रंगार है,
ईश्वर में विश्वास रखते हुए,
नमन वंदन और अभिनन्दन का,
सबसे पहले किया जाने वाला,
सबसे उत्कृष्ट व्यवहार है।
सारा सच में पवित्र हृदय है,
हम कह सकते हैं,
सुन्दर संस्कार और संस्कृति है।
हरेक पड़ाव पर यही सत्य है,
यही सही जीवन प्रवृत्ति है।
पवित्र ध्येय को साकार करने में,
यही संकल्प पूर्ण करती है।
नवीन प्रयास और प्रयोग से,
सराबोर कर आगे बढती है।
यही समस्त समाज के लिए एक उन्नत पूजा अनुष्ठान है,
मानवीय मूल्यों का सम्पूर्ण योग है,
मानवीय मूल्यों को स्थापित करने वाली ताकत बनकर,
सबमें हमेशा उत्साह भर देती है,
यही दुनिया का सबसे सटीक प्रयोग है।
सारा सच के अनन्त प्रांगण में,
सही संस्कार उत्पन्न करने की कोशिश की जाती है,
ज्ञान विज्ञान और तकनीक में,
सबको आगे बढ़ाती है।
डॉ ०अशोक,पटना,बिहार।
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