महिला दिवस
मान करो सम्मान करो
महिलाओं का गुणगान करो
महिला दिवस खुशी से मनाओ
महिला का गौरव गान करो ।
महिला भी तो एक नारी है
अबला नही कोई नारी है ।
नारी के रूप अनेक है पर
महिला एक सुंदर नारी है ।
मां बहिन बेटी के रूप में
सास और बहू के रूप में ।
पत्नी का भी नारी का रूप है
नारी है ऐसे ही अनेक रूप में ।
सीता के रूप में महिला है
शक्ति पार्वती रूप में नारी है ।
सारा सच सरस्वती भी नारी है
लक्ष्मी के रूप में नारी है ।
लक्ष्मी बाई भी महिला थी
दुर्गावती भी महिला ही थी ।
अहिल्याबाई भी नारी थी
सारा सच महिलाएं नारी थी ।
स्वर्ग में सुन्दर अप्सराएं भी
महिला सुन्दर नारी ही है ।
बड़े बड़े ऋषियों मुनियों की
तपस्या भी भंग कराई है ।
मां शक्ति है मां दुर्गा है
मां ही हर घर परिवार में है ।
महिला के रूप में नारी है
एक सशक्त नारी हर द्वार में है ।
आज के समय में हर नारी
पुरूषों से कंधा मिलाकर चलती।
पुलिस, सेना या राजनीति हो
हर जगह नारी सहभागी रहती ।
सहनशीलता नारी की देखो
बेटी, बहू बनकर ससुराल जाती ।
नया माहौल नये लोगों के साथ
कुछ ही दिनों में घुल मिल जाती ।
एक अंजान पति के साथ में
जीवन भर साथ निभाती है ।
सुख दुख में साथ निभा करके
बच्चों की भी मां बन जाती है ।
पुरुष भी महिला बिन अधूरा है
महिला पुरुष के बिना अधूरी है
बच्चों के बिना हर महिला की
मां की ममता भी अधूरी है ।
जिस घर में महिला न हो
वो घर भी सूना लगता है ।
जिस घर में मां ममता ने हो
वो घर भी अधूरा लगता है
मां तो जगत की जननी है
जगत की वो पालन हारी है ।
नारी है वो नारायणी है
महिला है अद्भुत नारी है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
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