संविधान
संविधान निधान है राष्ट्र का
संविधान विधान है राष्ट्र का,
हर भारतीय का सन्मान है
संविधान प्रधान दंड है राष्ट्र का।
संविधान मंत्र है गणतंत्र का,
संविधान तंत्र है जनतंत्र का,
देशभक्ति का अमूल्य प्रतीक है,
संविधान अभिमंत्र है प्रजातंत्र का।
संविधान चित्र है धर्मनिपेक्ष गणराज्य का,
संविधान सूत्र है देश के सुराज्य का,
हर हिंदुस्तानी का अभिमान है ये,
संविधान मित्र है हर हिंदुस्तानी का।
संविधान आधार है अनुशासन का,
संविधान व्यवहार है सुशासन का,
समता, बंधुता की राह आसान करे,
संविधान गुरुमंत्र है बाबासाहब का।
जय हिंद
गोरक्ष जाधव©®
मंगळवेढा, महाराष्ट्र.
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