Saturday, 17 February 2024

प्रेम करो ऐसा - कवि सुरेंद्र कुमार जोशी

 


प्रेम करो ऐसा

प्रेम करो ऐसा की, 
शबरी को राम मिले । 
प्रेम करो ऐसा की, 
मीरा को घनश्याम मिले । 

प्रेम करो ऐसा की, 
भरत को भगवान की भक्ति मिले । 
प्रेम करो ऐसा की, 
लक्ष्मण जैसा भाई सबको मिले ।

प्रेम करो ऐसा की, 
राधा को कृष्णा मिले । 
प्रेम करो ऐसा की,
माता सीता को राम मिले । 

प्रेम करो ऐसा की, 
घर में सुख शांति मिले । 
प्रेम करो ऐसा की, 
हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले ।

सारा सच के कहने से ही, 
आपस में अब प्रेम बड़े । 
सारा सच के कहने से, 
साहित्य धारा प्रेम बड़े । 

रचना का शीर्षक-
*प्रेम करो ऐसा*

रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है

कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
जिला -देवास /मध्य प्रदेश

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