Saturday, 17 February 2024

प्यार - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

 


प्यार

उम्र चाहे कोई भी हो, 
मानव प्यार की चाह रखता है।
प्यार मनुष्य में जीने की इच्छा उत्पन्न करता है।
कहते हैं प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है।
प्यार में मानव दिल से मजबूर हो जाता है।
प्यार एक सुखद एहसास है।
जिससे हम प्रेम करते हैं, वह हमारे लिए होता बहुत खास है।
प्यार में मनुज वही करता है जो उसे लगता सही है।
प्यार की गहराई नापने का कोई मापदंड नहीं है।
सच्चा प्यार हर हाल में साथ रहता है। 
अमीरी - गरीबी, ऊंँच - नीच की दीवार इनके पास नहीं फटकता है।
प्यार की खातिर शाहजहांँ ने ताजमहल बनवा दिया।
प्यार की खातिर अनारकली को दीवार में चुनवाया गया।
प्यार क्या होता है,
दशरथ मांझी जी ने बतलाया।
पत्नी की याद में पहाड़ काट राह बनाया, माउंटेन मैन का खिताब पाया।
प्यार सदा सफल हो, यह नहीं जरूरी।
इतिहास गवाह है,
कई प्रेम कहानियाँ
रह गईं अधूरी।
लैला मजनू, शीरीं
फरहाद की हैं ऐसी कहानियाँ।
सच्चे प्रेम की मिसाल हैं ये कहानियाँ।
किसी से सच्चा प्यार करो, तो करो अवश्य इज़हार।
कोई तुमसे सच्चा प्रेम करें तो करो तुम स्वीकार।
हालात कैसे भी हों,
निभाना अपना प्यार।
अपने प्यार के बीच कभी न आने देना अपना अहंकार।
नि: स्वार्थ प्यार किया मीरा ने कृष्ण से, जोगन बन गई।
आहत किया संसार ने पर वह नहीं डिगी।
दुनिया ने कितने दुख दिये,
चुपचाप सहती रही।
कृष्ण प्यार के सागर में मीरा, सदा ही बहती रही।
सच्चा प्यार बड़े भाग्य से मिलता है, उसकी कद्र करो।
जिससे प्यार करो,
उस पर सब न्योछावर करो।
अपने प्रेमी को उसके गुण - दोष के साथ अपनाओ।
प्यार से उसका हाथ थामो, और आगे बढ़
जाओ।
अपने प्रेमी को जाने न दो, अपने से दूर।
उसकी इच्छा को मान दो, प्यार करो उससे भरपूर।

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

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