Wednesday, 14 February 2024

सम्मान - प्रा रोहिणी डावरे

 


 प्रा.रोहिणी डावरे
                      
रोशन होता मनुज का नाम
करता है वह जब श्रेष्ठ काम
काम की कदर है चारों ओर
खुशियों में हो जाओ सराबोर।१।

समय का जो करें सम्मान
कुदरत होती उसपर मेहरबान
पडे जहाँ उसके कदम
आसमान की ऊँचाइयाँ मिलें हरदम।२।

भावनाओं का करें आदर
होती उसकी हमेशा कदर
जैसे बीज है हमने बोए
फल हमेशा वही हम पाए।३।

शील चरित्र से हो गुणवान
दुनिया देती उसे सम्मान
सारा सच यह चीज है ऐसी
पुनीत पावन गंगाजल जैसी।४।

खुद की शक्ति को पहचान
करें हमेशा आत्मसम्मान
रोशन होगी हर गली और बस्ती
बनेगी तुम्हारी ऐसी हस्ती।५।

हर किसी का हो एक ही सपना
आत्मसम्मान की रक्षा धर्म है अपना
बेचकर सम्मान बढे कमाई
निर्धन इससे बडा है भाई।६।

सच्चा सम्मान वही है होता
पीठ पीछे जो भला ही कहता
कर्म ऐसा करो पवित्र
सुकर्मों का फैले इत्र।७।

बडे बुजुर्गों के है उपकार
कर लो आदर और उनसे प्यार
सभ्यता संस्कृति की है पहचान
अहोभाग्य हमारे करो सम्मान।८।

सारा सच में है ऐसा बल
मेहनत का होता मीठा फल
निभाओ फर्ज और इमानदारी
मुठ्ठी में होगी दुनिया सारी।९।

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