Wednesday, 3 January 2024

नव वर्ष जब आता है - ओम प्रकाश लववंशी "संगम"

"नव वर्ष जब आता है"

नव वर्ष सबके लिए होता खास,
लेकर आता   नित  नूतन आस।

उम्मीद उल्लास से भरा होता हैं,
पेड़ पतझड़ के बाद हरा होता हैं।

चारों तरफ पलाश की रौनक,
टेशू, सेमल भी खूब खिले हैं।

होली भी खूब रंग जमाती हैं,
अपनों को गले मिलाती हैं।

खूब मल्हार राग गाये जाते हैं,
ताज-से फाग सजाये जाते हैं।

नववर्ष  चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,
आओ इसे मनाये सदा सदा।

© ओम प्रकाश लववंशी "संगम"
पता-  कोटा , राजस्थान

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