सारा सच के लिए कविता
"नव वर्ष का संकल्प "
ख्वाहिशे हसरते अभी और भी हासिल करनी है
रह गए सपनोंको पूर्णत्व की और ले जाना हैं
मुश्किलें बाधाएँ बहुतसी है राहोमे
उतार चढ़ाव के जीवन को यशस्वी बनाना हैं
चलिए आगे बढ़ेंगे उस्ताह उमंग को लेकर
कर्तव्य के प्रति सतर्क रह ,करें नए साल का स्वागत
भगवान की असीम शक्ति से प्रेरित होकर
नित्यनूतन नयी उम्मीद हो ,तन मन में
हो स्वागत सकारात्मकता की आशा लिए
राह आत्मनिर्भरता की चलनी है,मानवता को संजोए
अमूल्य धरोहर प्रकृती कि संस्कार संस्कृती मुल्यों की
नए साल में करे संकल्प चोंट न पहुंचाँए इन्हें
सहारा बन किसीका मदद का हाथ जरूर दे उन्हे
कर्तव्य के पथ पर अग्रसर रह लक्ष्य निर्धारित करे
क्रूरता का निषेध हो ,शांति अमन चारों ओर हो
जाति पाती भेद भाव न हो इसका ध्यान रहें
निष्काम कर्म की ओर बढ़े पाप ताप से दूर रहे
सच की राह चलते चले,हिंसा अमानवियता न सहे
नारी का सम्मान कर समाज मे उसका मान बढाए
देश का मान बढाकर विश्व गुरु का सम्मान मिले
अमन शांति की आवाज गूंजे चारों ओर
सारा सच है नए साल मे हम होंगे कामयाब ,हम होंगे कामयाब हर पथ पर,हर पथ पर
प्रा मनीषा नाडगौडा
कर्नाटक
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