Friday, 19 January 2024

डॉ० अशोक

 


धर्म।

सदाचरण से कुछ बड़ा नहीं,
धर्म संस्कृति का प्रतीक सबसे सही है।
कुटुंब परिवार में,
रहने का यह अर्थ है।
इस आचरण के बिना,
सबकुछ व्यर्थ है।
जीवन कर्तव्य है तभी,
धर्म और संस्कृति है।
नहीं तो दुनिया में,
दिखाई देती एक षड्यंत्र की प्रकृति है।
सारा सच है तो,
धर्म ज्ञान दर्शन है।
यही वजह है कि,
इस नफासत का आज़,
सबसे खूबसूरत आकर्षण है।
यह अहिंसा न्याय और सुकून देने वाली ताकत है,
उम्मीदों पर खरा उतरना,
यही कारण से यह अदा,
आज़ बढा रहा इसकी विशाल इमारत है।
यह सारा सच का,
एक खूबसूरत अन्दाज है।
यही वजह है कि,
आज़ दुनिया में इस अद्भुत अन्दाज के आनन्द की,
बढ़ रही आगाज़ है।
यह मानव को मानव बनाता है।
उम्मीदों से हवा मिलती है,
सबके मन में स्थिरता और उत्साह का,
उन्नत विचार पहुंचाता है।

डॉ० अशोक,पटना, बिहार

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