Wednesday, 3 January 2024

नूतनवर्षाभिनन्दन - ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'



नूतनवर्षाभिनन्दन : 2024

अलविदा कहकर पुराने को
    करें नूतन वर्ष का स्वागत।

सर्द रातें, गर्म दोपहरी,
    बारिशों में भी मिले जी भर।
       और जिस दिन मिल नहीं पाए,
            घेर दीं तिथियाँ कलेंडर पर।

है बहुत मुश्किल जला पाना,
      प्यार में बांचे गए वे ख़त।

लोग आए भी, गए भी लोग,
     बहुत कुछ पाया, गंवाया भी।
          किए समझौते समय के साथ,
                दर्द भीतर का छिपाया भी।

बात यह भी है समझने की,
      भावनाएं क्यों हुईं आहत।

अब किसी भी हाल हमसे हो,
      विगत भूलों की न पुनरावृत्ति।
              फिर नए उत्साह से आगे,
                 बढ़ें, ले स्फूर्ति, नूतन शक्ति।

है भरा संभावनाओं से,
     हम सभी के वास्ते आगत।

ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'
शाहजहाँपुर (उ0प्र0)



 


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