दुर्घटना
आदिवासी अंचल में सवारी वाहनों में ओवरलोडिंग से दुर्घटना का खतरा बढ़ता जा रहा है | ओवरलोडिंग सवारिया के नज़ारे अंचलों में देखे जा सकते है | स्कूल के छात्र छात्राएं ,मजदूरी पर जाने वाले,विशेषकर स्थानीय लगने वाले हाट बाजारों में खरीददारी कर वापस अपने घरों की और जाते समय छोटे वाहनों में इधर उधर लटके हुए देखे जा सकते है | ओवरलोडिंग से दुर्घटना होती है | इस हेतु ओवरलोडिंग रोकने हेतु कड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए | इसके अलावा बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में लापरवाही के कारण जान माल की हानि होती है |जिसे कई वर्षो से रोकने हेतु प्रयत्न किये गए मगर दुर्घटनाए कम नहीं हुई |सड़क पर चलते हुए या गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात कर रहे लोगो की आए दिन दुर्घटना की खबर पढ़ने को आती है ।अधिकांश लोग वाहन चलाते समय चालक अपने मोबाइल को कान और कंधे के बीच दबाकर बातचीत करते हुए वाहन चलाते है उनका ध्यान बातचीत पर ही ज्यादा रहता ही ।पीछे हार्न देने वाले की भी वो सुनते नहीं ऐसे में दुर्घटना संभव है ।तहसील स्तर और जिला स्तर पर जहाँ यातायात का दबाव ज्यादा हो वहां पर मुख्य चौराहों पर यातायात सिग्नल अवश्य लगाए जाना चाहिए | ताकि यातायात व्यवस्थित हो सकें | सड़के जहाँ की ख़राब हो उसका सुधार और मरम्मत भी आवश्यक है ताकि दुर्घटना घटित न हो |सड़के बनाने की मानक गुणवत्ता का स्तर नई टेक्नालॉजी और श्रेष्ठ हो | जिसके बनने से सड़को पर प्रतिवर्ष होने वाला रखरखाव कम होकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ शासन पर न पड़े |मोबाइल एवं स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरों का भी ख्याल रखे ।परिवार के लोग आप के घर आने की राह देख रहे है ।सुरक्षित चले ,लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए निर्धारित गति से ज्यादा गति में वाहन चलाना ,शराब पीकर के वाहन चलाना, एवं यातायात के नियमों का पालन नही करने से दुर्घटनाए होती है |इन छोटे छोटे उपायों का पालन करने से सुरक्षित रह सकते है |
संजय वर्मा "दृष्टि "
मनावर (धार )म प्र
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