अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच - "हमारीवाणी"*
*प्रतियोगिता का विषय*
*प्राण प्रतिष्ठा / विवाद /शांकराचार्य / पुजारी / धर्म / विरोधी / घोषित*
*प्राण प्रतिष्ठा*
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध में हो रही,
प्राण प्रतिष्ठा ।
विराजेंगे,
राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
गांव गांव और,
नगर शहर में ।
एक ही नाम एक ही नाम,
जय श्री राम जय श्री राम ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
भक्ति की,
शक्ति जगी है ।
दुनिया में,
आज दिखी है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध दुल्हन सा,
सज रहा है ।
हर एक,
मंदिर सज रहा हे ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध में हो रही,
प्राण प्रतिष्ठा ।
विराजेंगे,
राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
गांव गांव और,
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम,
जय श्री राम जय श्री राम ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
भक्ति की,
शक्ति जगी है ।
दुनिया में,
आज दिखी है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध दुल्हन सा,
सज रहा है ।
हर एक,
मंदिर सज रहा है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध में हो रही,
प्राण प्रतिष्ठा ।
विराजेंगे,
राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
गांव गांव और,
नगर शहर में ।
एक ही नाम एक ही नाम,
जय श्री राम जय श्री राम ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
भक्ति की,
शक्ति जगी है ।
दुनिया में,
आज दिखी है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अब तो गांव गांव,
विदेशों में भी ।
चर्चा होने लगी,
विराजेंगे राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
सारा सच,
कहता है सबसे ।
आओ निकाले प्रभात फेरी,
बाबा शिव है बम लहरी ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
सारा सच कहता है सच सच,
ले लो राम नाम रे ।
हो जाएगा कल्याण सभी का,
जप लो राम नाम रे ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध दुल्हन सा,
सज रहा है ।
हर एक,
मंदिर सज रहा हे ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध में हो रही,
प्राण प्रतिष्ठा ।
विराजेंगे,
राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
गांव गांव और,
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम,
जय श्री राम जय श्री राम ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
भक्ति की,
शक्ति जगी है ।
दुनिया में,
आज दिखी है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध दुल्हन सा,
सज रहा है ।
हर एक,
मंदिर सज रहा है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध में हो रही,
प्राण प्रतिष्ठा ।
विराजेंगे,
राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
गांव गांव और,
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम,
जय श्री राम जय श्री राम ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
भक्ति की,
शक्ति जगी है ।
दुनिया में,
आज दिखी है ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अब तो गांव गांव,
विदेशों में भी ।
चर्चा होने लगी,
विराजेंगे राम लाल ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
सारा सच,
कहता है सबसे ।
आओ निकाले प्रभात फेरी,
बाबा शिव है बम लहरी ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
सारा सच कहता है सच सच,
ले लो राम नाम रे ।
हो जाएगा कल्याण सभी का,
जप लो राम नाम रे ।
सनातन धर्म की,
हो रही रे जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
अवध की हो रही रे,
जय जयकार ।
भक्त निकलते,
प्रभात फेरी ।
रचना का शीर्षक-
*प्राण प्रतिष्ठा*
रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है
कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश
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