Friday, 19 January 2024

प्राण प्रतिष्ठा - कवि सुरेंद्र कुमार जोशी

 


अंतरराष्ट्रीय  हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच - "हमारीवाणी"*
*प्रतियोगिता का विषय* 
*प्राण प्रतिष्ठा / विवाद /शांकराचार्य / पुजारी / धर्म / विरोधी / घोषित*

*प्राण प्रतिष्ठा*

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध में हो रही, 
प्राण प्रतिष्ठा । 
विराजेंगे, 
राम लाल । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

गांव गांव और, 
नगर शहर में ।
एक ही नाम एक ही नाम, 
जय श्री राम जय श्री राम । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

भक्ति की, 
शक्ति जगी है । 
दुनिया में, 
आज दिखी है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

अवध दुल्हन सा, 
सज रहा है । 
हर एक, 
मंदिर सज रहा हे । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध में हो रही, 
प्राण प्रतिष्ठा । 
विराजेंगे, 
राम लाल । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

गांव गांव और, 
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम, 
जय श्री राम जय श्री राम । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

भक्ति की, 
शक्ति जगी है । 
दुनिया में, 
आज दिखी है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

अवध दुल्हन सा, 
सज रहा है । 
हर एक, 
मंदिर सज रहा है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध में हो रही, 
प्राण प्रतिष्ठा । 
विराजेंगे, 
राम लाल । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

गांव गांव और, 
नगर शहर में ।
एक ही नाम एक ही नाम, 
जय श्री राम जय श्री राम । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

भक्ति की, 
शक्ति जगी है । 
दुनिया में, 
आज दिखी है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

अब तो गांव गांव, 
विदेशों में भी । 
चर्चा होने लगी, 
विराजेंगे राम लाल ।

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

सारा सच, 
कहता है सबसे । 
आओ निकाले प्रभात फेरी, 
बाबा शिव है बम लहरी । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

सारा सच कहता है सच सच, 
ले लो राम नाम रे  । 
हो जाएगा कल्याण सभी का, 
जप लो राम नाम रे  । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।
 
अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध दुल्हन सा, 
सज रहा है । 
हर एक, 
मंदिर सज रहा हे । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध में हो रही, 
प्राण प्रतिष्ठा । 
विराजेंगे, 
राम लाल । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

गांव गांव और, 
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम, 
जय श्री राम जय श्री राम । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

भक्ति की, 
शक्ति जगी है । 
दुनिया में, 
आज दिखी है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

अवध दुल्हन सा, 
सज रहा है । 
हर एक, 
मंदिर सज रहा है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध में हो रही, 
प्राण प्रतिष्ठा । 
विराजेंगे, 
राम लाल । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

गांव गांव और, 
नगर शहर में ।
एक ही नारा एक ही नाम, 
जय श्री राम जय श्री राम । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

भक्ति की, 
शक्ति जगी है । 
दुनिया में, 
आज दिखी है । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

अब तो गांव गांव, 
विदेशों में भी । 
चर्चा होने लगी, 
विराजेंगे राम लाल ।

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

सारा सच, 
कहता है सबसे । 
आओ निकाले प्रभात फेरी, 
बाबा शिव है बम लहरी । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी । 

अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

सारा सच कहता है सच सच, 
ले लो राम नाम रे  । 
हो जाएगा कल्याण सभी का, 
जप लो राम नाम रे  । 

सनातन धर्म की, 
हो रही रे जय जयकार । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।
 
अवध की हो रही रे, 
जय जयकार  । 
भक्त निकलते, 
प्रभात फेरी ।

रचना का शीर्षक-
*प्राण प्रतिष्ठा*

रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है

कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश

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