Friday, 26 January 2024

भगवान - अनन्तराम चौबे अनन्त

 

राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी की साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
विषय... भगवान

नाम.. अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता... भगवान

भगवान भाग्य विधाता है
सभी के जीवन के दाता हैं ।
जीवन है अनमोल सभी का
सारा सच भगवान दाता है ।

भगवान के घर देर है 
सारा सच अंधेर नही है ।
पाप पुण्य का लेखा जोखा।
समय के साथ सही है  ।

जीवन में सुख दुख का
आना जाना लगा रहता है ।
इन्सान अपने हिसाब से 
सारा सच जीवन जीता है ।

कोई श्रद्धा से पूजा पाठ
भजन कीर्तन करता है
भगवान से प्रेम करता है
सीधा सम्पर्क रखता है ।

अच्छे बुरे को समझता है
धरम करम  भी करता है
पाप पुण्य भी समझता है ।
भक्ति भाव मन में रखता है ।

रामायण गीता पढ़ता है
कथा भागवत कराता है ।
समय समय पर आने बाले
धार्मिक त्योहार मनाता है ।

गणेश जी दुर्गी जी की
झाकियां भी सजाता है ।
अपने पुरखो को मानता है
पितृ पक्ष में श्राद्ध करता है ।

किसी न किसी रूप में ही 
भगवान का रूप झलकता है ।
भगवान भी हर इन्सान के
सारा सच मन में रहता है ।

माता पिता भगवान का रूप है
कष्ट कभी कोई उनको न देना ।
जैसा करोगे फल भी पाओगे
सारा सच है समझ में लेना ।

श्रद्धा भाव भगवान में रखना
आडम्बर  न दिखावा करना ।
अमीर गरीब में भेदभाव करना
आस्था और विश्वास रखना ।

   अनन्तराम चौबे अनन्त 
   जबलपुर म प्र 

अयोध्या नगरी में - मीनाक्षी सुकुमारन

अयोध्या नगरी में 

खुशियाँ ले रही हिलोरें
मंगल बेला है आई
आनंद छाया हर ओर
जगमग जगमग दीपों
से होगा उजाला हर घर 
हर मंदिर
जगमगा उठेगा कोना कोना
महक उठेंगे फूलों की मालाएं
हर देशवासी का मन है हर्षाया
मंगल बेला है आयी
लगने लगा है तांता
न सिर्फ साधु संतों, महात्माओं का, 
हर राम भक्त
है व्याकुल होने को
शामिल इस पुनीत बेला में
हर देशवासी का दिल है हर्षाया 
अयोध्या नगरी है सजी धजी हर ओर है आनन्द छाया
राम मंदिर का पावन
उत्सव है आया
बनकर आशीर्वाद श्री राम का
पावन दिन है आया
राम मंदिर का उत्सव आया
भर लो झोली सब अपनी 
इस पावन बेला होकर मग्न
राम की भक्ति में।।

......मीनाक्षी सुकुमारन
         नोएडा

रामराज के आ जाने पर - ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'

अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रतियोगिता मंच - हमारीवाणी 
रामराज के आ जाने पर 

रामराज के आ जाने पर सत्ता होगी राम की.
दुख दारिद्र मिटेगा जग से जय होगी हरिनाम की. 

रोटी कपड़ा या मकान की मूलभूल सुविधा होगी.
रोग मुक्त होगा हर प्राणी बच्चों को शिक्षा होगी. 
सरकारी सेवक जनता की सेवा को तत्पर होंगे.
उनकी कार्य प्रणाली में तब हर संभव निष्ठा होगी.

चहुँ दिशि हो सुख शांति जरूरत रहे नहीं संग्राम की. 
दुख दारिद्र मिटेगा जग से सत्ता होगी राम की.

सबल सुरक्षा देंगे निर्बल नहीं सताए जाएंगे.
राम राज्य में सभी घरों में मंगल गाए जाएंगे.
जमाखोर भ्रष्टाचारी अब सभी जेल में जाएंगे.
अन्यायी अपराधी सब सूली पर टाँगे जाएंगे.

फ़िक्र रहेगी हर प्राणी को कृत्यों के परिणाम की. 
दुख दारिद्र मिटेगा जग से सत्ता होगी राम की.

ऊँच-नीच का भेदभाव तब नहीं पनपने पाएगा.
सुदृढ़ होगा लोकतंत्र समता का ध्वज फहराएगा.
एक दूसरे के सुख-दुख में सबके सब शामिल होंगे, 
सर्व-धर्म-संभाव बढ़ेगा सबका मन हर्षाएगा.

स्वयं समीक्षा करनी होगी अपने अपने काम की.
दुख दारिद्र मिटेगा जग से सत्ता होगी राम की.

ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'
दुर्गा एन्क्लेव, शाहजहाँपुर (उ0प्र0)

भगवान - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

 

भगवान

जब जब धर्म की हानि होती, लेते भगवान 
अवतार। 
सज्जनों का दुख मिटाते, दुष्टों का करते संहार। 
सृष्टि की रचना जिसने की, 
वे भगवान कहलाए। 
जो भी सच्चे दिल से पुकारा, 
दौड़े दौड़े प्रभु आए।
जो हैं कर्ता, जो हैं धर्ता, 
जो हैं पालनहार।
हैं भगवान सर्वशक्तिमान, 
पूजता उनको संसार। 
भक्तों की रक्षा हर पल जों करतें, 
वही हैं भगवान।
सही राह हमें दिखलातें, भगवान देते हमको ज्ञान।
कण-कण में वे व्याप्त हैं, महिमा उनकी अपरंपार। 
अपने भक्तों में भगवान,
करतें उर्जा का संचार।
कृपा जो उनकी हो जाए, छूट जाता माया जाल।
प्रभु की कृपा जिसपर होती, नहीं रहता वह बेहाल।
मर्यादा की रक्षा करतें,
पुरुषोत्तम हैं कहलाते।
दीन  बंधु, दीन दयाल, 
कितने नामों से जाने जाते। 
थी वह एक भीलनी, शबरी
उसका नाम। 
उसके बेर प्रभु ने खाए, लिया उसे निज धाम। 
त्रेता युग में राम बनकर, 
किया रावण का संहार। 
सत्य की ही जीत होती है, 
यही बताया है हर बार। 
अवढरदानी भगवान शिव 
की, 
महिमा जाने संसार।
झोली भरतें भक्तों की, 
आशीष की करतें बौछार। 
दु:शासन ने चीर खींचा, द्रोपदी ने लिया पुकार। 
भगवान कृष्ण ने लगा दिया, 
चीर का अंबार। 
हर युग में ही भगवान
ने, 
लिया है अवतार। 
जो भी उन्हें पुकारता, करते उसका बेड़ा पार। 
भक्तों की ईच्छा पूरी की, 
विदुर के घर खायें साग। 
जिस पर कृपा हुई प्रभु की, 
जागे उसके भाग। 
भगवान हैं सर्वज्ञ, हर पल हमें हैं देखते।
उनकी नजर में सभी बराबर, भेद वे कभी नहीं करतें।
हमारा भी कर्त्तव्य है, 
भगवान के पद चिन्हों
पर चलें। 
भाईचारा हम फैलायें, 
रिपुओं को लगायें गले। 

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
वैस्ट बंगाल 

प्रतिमा - डॉ० अशोक

 

प्रतिमा

इसे देव प्रतिमा कहें या,
सद्भाव से समागम अनुकृति।
सबमें अपनत्व और प्यार से,
इसमें दिखता है एक अद्भुत अनुभूति।
यही वजह है कि,
यह सुन्दर और स्नेहिल भाव में,
सराबोर हो गया लगता है।
आत्ममंथन करेंगी जनजन तक,
प्रतिमा के स्वरूप को दिल से,
आत्मसात कर खुशियां लेकर,
मनोभाव को स्पष्टता देने में,
सदैव प्रतिमा का स्वरूप,
दुनिया भर में हमेशा अव्वल रहता है।
 प्रतिमा का अनन्त सौन्दर्य,
एक खूबसूरत अन्दाज है।
यही वजह है कि स्थापित प्रतिमा से ही,
मन में अत्यंत सुकून देने वाली,
निकलतीं प्यारी आवाज है।
यह मूर्ति को स्थापित करने का,
उमंग से सराबोर सुखद संग्राम है।
आनंदित रहने वाले समस्त जनजन तक,
खुशियां की देता अंजाम है। 
यह अहसास दिलाता है,
मन में सुकून देने में आगे रहता है।
यह आस्था और विश्वास है,
समग्र रूप में ख्याति प्राप्त,
 अनमोल जीवन का एक आभास है।

डॉ० अशोक, पटना, बिहार

अयोध्या विराजे श्री राम - डॉ0 सुमन सोनी

 

अयोध्या विराजे श्री राम*      स्वरचित
****************** 

इस सृष्टि के परम सत्य महानायक है कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम।।

जग में दुखियों के तारणहार है कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

सबके दुख हरता कल्याण कर्ता है कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

जग में सब को सद् बुद्धि देते है कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

हर जन के हृदय पटल के प्राणाधार कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

दुखियों के दीन बंधु है सबो के दया सिन्धु है,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

हर जन जन के घर घर में सुख समृद्धि लाए,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

अद्भुत भक्ति शील है सौन्दर्य खान का कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

इस जग , जन के है करुणावतार  कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

जन जन के दीन बन्धु है दया सिन्धु है कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

अहिल्या,सबरी का उद्धार किया कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

हनुमत परम कृतार्थ ,भक्तों के प्रतिपालक है,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

बनवास काटे,रावण को भी सम्मान दिया ,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

आज मिला राम सीता को अपना निवास ,
देखो हर्षित हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

आज वो खुशियों भरा पुनीत दिवस है आया, 
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम आया।।

मन रही, चहो दिशा जन जन आज दीवाली, 
देखो जी हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

हम भारतीय के सलोने ईष्ट गौरव गुरु कौन,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

आप विराजे अयोध्या में हुए धन्य आज हम,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

नये ऐतिहासिक युग की शुरुआत हो गई,
देखो न हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

हर्सोल्लास मना रहा, पकवान खाये  हम,
देखो हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।।

घर जो आये सृष्टि के संकट मिट गए सब,
देखो न हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ।।

अब जो आये फिर न जाना छोड़ हमें राम,
सुनो हमारे परम प्रिय मर्यादा पुरुषोत्तम राम।।

********************
*स्वरचित*
*डॉ0 सुमन सोनी*
*वाइस प्रिंसिपल*
*भागलपुर बिहार*

भगवान - संजय वर्मा"दृष्टि"

 

भगवान 

 #hamarivani #हमारीवाणी

शीत लहर की सुबह
जब सब सो रहे
तब अखबार बाटता
सायकल से लड़का
बंडल को रबर बांध कर
ऊंची गैलरी में फैकता
निशाने बाज की तरह
किसी के दरवाजे
रोशनदान से सरका देता
जब दुनिया सो रही होती।
कहीं जलते पुराने अखबार
टायर के अलाव में सेक लेता
अपने हाथ पांव
उसे सेकने हेतु कोई बुलावा नहीं देता
उसका भी सड़को पर हक है।
कोई खुली दुकान पर चाय की खुश्बू
उसे तंग करती।
मजबूरी जेब में पैसे कंहाँ
पैडल की गर्मी का जनरेटर है
उसके पास और भगवान की आस किन्तु
उसे फिक्र है दुनिया की खबर
सोये हुए लोगों को सबसे पहले देने की
छोटे गांव से लेकर नगर के घरों में
पहुंचाने की
किसी दिन पेपर आने में देर क्या होती
सोया इंसान उठने पर
सारा शहर उठा लेता अपने सर
अखबार पर इतना विश्वास
जैसे पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद
पत्थर में आ जाती जान
और बन जाता भगवान
खबरों की जीवंतता
और अखबार में समाचार की
होती रोज प्राण प्रतिष्ठा
इसलिए तो अखबार और
अखबार इतनी कड़क ठंड में
लगते प्रिय
एक दिन अख़बार में खबर
अखबार बांटने वाले को
शीतलहर की अलसुबह में
किसी पुण्य आत्मा ने
चाय का पूछा
और उसने भगवान को दिया धन्यवाद।
संजय वर्मा"दृष्टि"
मनावर जिला धार मप्र

चलो एक मुहिम चलाएं - मोहम्मद जावेद खान

 


चलो एक मुहिम चलाएं

देश को भ्रष्टाचार एवं
 कचरा मुक्त बनाए ।
व्यर्थ ही सम्मान दिया,
व्यर्थ ही दिया प्यार,
खुद को हीरा समझ बैठा
एक कचरे का ठेकेदार।
कैसा यह नसीब, सही कहा गया है इज्जत देना ऊपर वाले के हाथ में,जब आपको दूर से हूटर,या सायरन की आवाज़ आए तो आप क्या समझेंगे,एक पल के लिए आप यह सोचेंगे किसी नेता की गाड़ी आ रही है,या पुलिस या एंबुलेंस की गाड़ी आपके पास से गुज़रने वाली है ।
भाई साहब आज तो हद हो गई, मेरे कानों में सायरन की आवाज़ आई तो,मैंने गाड़ी को साइड में लगाकर रोक दी,मुझे लगा कोई बड़ा नेता गुज़रने वाला हैं, मैंने सोचा चलो बहुत दिन हो गए नेताओं को सड़कों पर देखे हुए, चुनाव गुज़र गए,सरकार बन गई, कुछ नेताओं के दिल टूट गए, किसी के हत्थे चांदी आई, कोई मंत्री बना, तो किसी के पास निराशा आई, मैंने सोचा चलो आज नेताजी के दर्शन उनकी चमचमाती गाड़ी में हो जाएंगे ।
एक बदबू के झोंके ने मेरा भरम तोड़ा मेरे पास से नगर निगम की कचरे की गाड़ी सायरन बजाते हुए गुज़र गई,गाड़ी में पड़ा कचरा मुझे मुंह चिढ़ा रहा था, और ज़ोर-ज़ोर से कह रहा था क्यों भैया कैसी रही,तुम ही मुझे सुबह नाक पर कपड़ा बांधकर इसी गाड़ी में डालकर भाग जाते हो मेरी तरफ पलट कर भी नहीं देखते हो,आज मेरे लिए अपनी गाड़ी को साइड में लगाकर मेरे आने का इंतजार कर रहे हो, तो किसी ने ठीक कहा है इज्जत जिसको मिलती है उसे कोई रोक नहीं सकता । सायरन बजाते हुए कचरे की गाड़ी को देखकर मेरे मन में यह विचार आया यही आपका भ्रम है,दुनिया की चकाचौंध से हम बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं, गाड़ियों के सायरन की आवाज़ को सुनकर हम बड़े सम्मान से एक तरफ खड़े होकर इंतजार करते हैं,हमारे नेता जी अपनी चमचमाती हुई गाड़ी से गुज़रने वाले हैं, जब गाड़ी गुज़र जाती है,तो पता चलता है इस गाड़ी में कचरा जा रहा है,कचरा भी वो,जो भ्रष्टाचार से दूषित, कुर्सी के लिए कुछ भी करने को तैयार,पुराने साथियों को धोखा देकर राजनीति की रबड़ी को चाट चाट कर खाना, पौने पांच साल तक सुख विलास का जीवन व्यतीत करना, क्षेत्र की जनता को मुंह ना लगाना,चुनाव के ऐन वक्त पर फिर से क्षेत्र की जनता की याद आना,हाथ जोड़ जोड़कर माफी मांगना,झूठी कसमें खाना, चुनाव जीत कर भूल जाना ।
आप ही बताएं आप इनको नगर निगम की गाड़ी में रखा हुआ कचरा ही समझेंगे या ------- ।

🙏🙏🙏🙏🙏

मोहम्मद जावेद खान 
संपादक 
भोपाल

सबके हृदय राममय - डॉ रश्मि शुक्ला

 


सबके हृदय राममय 

सबके हृदय में भगवान श्रीराम आने लगे 
हमने पूछा कि भगवान खाते हैं क्या 
वह तो शबरी के बेर बताने लगे।
हमने पूछा कि भगवान पीते हैं क्या  
वह तो सरजू नदिया कि लहरे दिखने लगें।
हम ने पूछा कि राम  रहते हैं कहाँ
 वह तो सबकेपवित्र हृदय दिखाने लगें ।
हमने पूछा कि श्रीराम चलतें हैं कहाँ 
वह तो वन उपवन को बताने लगें।
हमने ने पूछा कि राम चाहतें हैं क्या 
वह तो  त्याग कर्मयोग बताने लगे ।
हमने ने पूछा कि भगवान आएगें कहाँ
 वह तो अयोध्या  नगरिया बताने लगें ।
हमने पूछा कि भगवान दिखते हैं कहाँ 
वह तो भक्तगण का सर्वत्र दिखाने लगें।
"रश्मि "ने पूछा कलयुग में श्रीराम आओगे कब 
बाईस जनवरी सन् दो हजार चौबीस बताने लगें।

     डॉ रश्मि शुक्ला (समाजसेवीका)
 अध्यक्षा सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान
 प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

Friday, 19 January 2024

धर्म - अनन्तराम चौबे अनन्त

 


राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी की साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
विषय..... धर्म

नाम.. अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र 
कविता ... धर्म  

धर्म कर्म जो करता रहता है
ईश्वर से जो जुड़ा रहता है ।
गृहस्थ जीवन को जीकर भी
जीवन अपना सफल बनाता है ।

ईश्वर की नित पूजा करना
समय मिले ध्यान लगाना ।
मनुष्य का तन मिला है तो
पूजा भक्ति भी करते रहना।

शिव शंकर ब्रह्मा विष्णु
श्रीराम कृष्ण और गणेश ।
बजरंगबली का नाम लेते ही
कट जाते हैं सभी क्लेश  ।

सुखमय जीवन जीना है
तो परोपकार भी करना है ।
जिसकी जैसी सामर्थ हो
परोपकार भी, वैसा करना है ।

पूजा तो पुण्य का काम है
पुण्य का फल मीठा मिलता है ।
आज नहीं तो कल मिलता है
जीवन भी सुख मय रहता है ।

धर्म कर्म जो करता रहता है
फल भी वैसा ही मिलता है ।
परोपकार करने वाला ही
सबकी दुआएं पाता रहता है ।

माता पिता की सेवा करना
कभी दुखी न उनको रखना ।
माता पिता की सच्ची सेवा ही
ईश्वर की जैसे है पूजा करना है ।

सच्ची राह किसी को दिखाना
सारा सच पुण्य का काम होता है ।
छोटा छोटा श्रम दान करो तो
वो भी परोपकार ही होता है ।

प्यासे को पानी पिला दो
भूखे को दो रोटी खिला दो ।
पक्षियों को दाना खिला दो
ईश्वर की पूजा जैसा  होता है ।

गाय रोटी रोज खिलाएं
गाय का दूध सभी पीते हैं ।
सारा सच मां के बाद बच्चों
को गाय का दूध पिलाते हैं ।

सारा सच  मरने के बाद
गाय हमारा साथ देती हैं ।
स्वर्ग के रास्ते में भी हमको
बैतरणी नदी पार कराती हैं ।

पूजा, भक्ति ,धर्म कर्म भी
जीवन में करते रहना है ।
सारा सच है मोक्ष मिलेगा 
जीवन जो सार्थक करना है ।

  अनन्तराम चौबे अनन्त
  जबलपुर म प्र

प्राण प्रतिष्ठा - गोरक्ष जाधव

 


प्राण प्रतिष्ठा

अचल गगन है चल है धरती,
श्रीराम की  है अपार महती,
अयोध्या में स्थापित होंगे,
सारे संसार के अधिपति।

उल्हासित है सब नर-नारी,
पेड़,पशु औऱ गदाधारी,
लाखों-लाखों दीप जलेंगे,
कण-कण में राम दिखेंगे।

जनक नगरी से आई सौगातें,
सियावर के गुण सब गातें,
हर्ष-उल्हास में भारतवर्ष है,
श्रीराम सारे जगत को भाते।

भव्य मंदिर हुआ  है निर्मित,
रामलला अब होंगें स्थापित,
भव्य आयोजन  सरयू तटपर,
रामचंद्र के चरणों पर अर्पित।

खत्म हुई है दीर्घ प्रतीक्षा, 
रामभक्तों की हुई पूर्ण परीक्षा,
प्राण प्रतिष्ठा होगी अब तो,
रामराज्य की पूरी होगी मनीषा।

पुरुषोत्तम है प्रभु श्रीराम,
उनके चरणों पे है विश्राम,
सबका बेड़ा पार करें वो,
जो जपे जय श्रीराम, जय श्रीराम,
जय श्रीराम......

गोरक्ष जाधव
मंगलवेढा,महाराष्ट्र

प्राण प्रतिष्ठा - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

 


प्राण प्रतिष्ठा

पौष, शुक्ल, द्वादशी,
दिन है सोमवार।
राम लला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का,
हम सबको है बेसब्री से इंतजार।
प्रात प्रतिष्ठा है एक धार्मिक अनुष्ठान।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही, बिराजते हैं भगवान।
बाईस जनवरी, दो हजार चौबीस, इतिहास में अमर होगा। 
प्राण प्रतिष्ठा के बाद, रघुवर जी का दर्शन भक्तों को होगा।
यह कार्यक्रम होता है बड़ा ही अनूठा।
प्रभु राम के बाल स्वरूप का होगा प्राण प्रतिष्ठा।
मंत्रों द्वारा प्रभु का होगा आवाहन।
वह पल होगा अद्भुत, असाधारण।
हम भाग्यशाली हैं, इस ऐतिहासिक पल के साक्षी हम होंगे।
सोलह जनवरी से ही
प्राण प्रतिष्ठा हेतु कार्यक्रम प्रारंभ होंगे।
प्रभु राम विराजेंगे, 
भक्त भजन सुनायेंगे।
सुख शांति आयेंगी,
सबके भाग जागेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा हेतु
कई राज्यों से आ रहे बड़े बड़े उपहार।
भक्त जन भी पहुँच रहे हैं, प्रभु राम के दरबार।
लम्बे समय बाद, आई यह बेला पावन।
अयोध्या नगरी सजी
दुल्हन सी, लगती यह मनभावन।
प्रभु राम ने ऐसे काम किए, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये।
सत्य के मार्ग पर चले, आदर्श पुरुष वे
कहलाये।
देवताओं की सहायता की, राक्षसों
का संहार किया।
सबरी के बेर खाए, अहिल्या का उद्धार किया।
ऐसे प्रभु का प्राण प्रतिष्ठा, 
सारा भारत राम मय
हो रहा।
राम भजनों, राम गीतों
से, देश है गूँज रहा। 
रघुकुल नंदन के गुणों को, हम भी जीवन में अपनाए।
राघव जी से कुछ सीखें, अपना जीवन हम सफल बनाएं।

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
वैस्ट बंगाल