Thursday, 7 December 2023

हार - संजय वर्मा 'दॄष्टि'

 

 

हार

फसलों को निहारते 
मुस्कुराते किसान की
खुशियां हो जाती रफूचक्कर
जब हो अतिवृष्टि कहर  
प्राकृतिक आपदाओं का
सामना करता किसान
इनके आगे हार जाता
उसके सपने और उम्मीदों की
बोनी उड़ान से 
सपने बिखर जाते
उड़ान भरता
मरती फसलों को बचाने की
मगर उसकी बोनी उड़ान
हार से नहीं बचा सकती 
आपदाओं के आगे
उसकी उड़ान से
आर्थिकता के सूरज से 
पंख जल जो जाते
कर्ज की तेज आंधी
उसके जीवन की उड़ान को 
बोनी कर 
संघर्ष से हार कर
आपदाएं विपदा बढ़ा जाती।

संजय वर्मा 'दॄष्टि '
मनावर (धार  MP

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