राजा
प्रा. रोहिणी डावरे
अकोले,महाराष्ट्र
शूरवीर और दानशील
राजा होता है विनयशील
कार्यकुशल और न्यायशील
राजा जीते प्रजा का दिल।१।
वाणी में हो मधुरता
करें कभी नां निष्ठुरता
राष्ट्रभक्ति और कट्टरता
राजा में हो निडरता।२।
देशबंधु हो मित्रवर
राष्ट्रद्रोही पर नजर प्रखर
प्रजा की सुरक्षा निरंतर
सारा सच है पवित्र घर।३।
राजा करें नां आत्मस्तुति
प्रजा से हरदम रखता प्रीति
कटुवचनों से राजधर्म क्षति
प्रजाहित की रूक जाए गति।४।
आत्मसंयम तन-मन की शुद्धि
सदा रखे जो कुशाग्र बुद्धि
राष्ट्र निर्माण में मिलेगी रिद्धि
कुशल प्रशासक मिलेगी सिद्धि।५।
करें हमेशा गुरूवंदना
राजा है प्रजा की चेतना
प्रजा के प्रति हो शुभकामना
सारा सच है आदर्श स्थापना।६।
विद्वानों का करें सत्कार
राजा हमेशा हो उदार
पहचान लें दुनिया के गद्दार
बदमाशों पर करो प्रहार।७।
मानवता का सच्चा पुजारी
राजा हो प्रजा हितकारी
शत्रु की नां चले चाटुकारी
राजा ऐसा सजग है प्रहरी।८।
दीन-दलित हो चाहे किसान
समदर्शी सबको ले लेता जान
सुख के करता अवसर प्रदान
राजा सच्चा वही महान।९।
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