Sunday, 5 November 2023

डर - संजय वर्मा "दृष्टि"

 
डर
टिमटिमाते दीये से पूछा -
महंगाई का हाल
मुस्कुराके वो होले से बोल उठा -
मेरी तरह हर इंसान परेशान है।
मै तो ईश्वर का माध्यम हूँ
मेरी बदोलत ही हर इंसान
जीवन मे आशीर्वाद
चाहने की चाह रखता है|
तो क्यों न मांग लू मै भी ईश्वर से
अंधेरा दूर करने का वरदान
मै तो एक छोटा सा दीया हूँ
जो देता आया हूँ हर घर मे
विश्वास और आस्था का हौसला
किन्तु मुझे भी डर है
अंधविश्वास की आंधियों से
जो मुझे बुझा ना दे
सचाइयो के हाथो की आड़ लेकर
महंगाई के डर से
ढांक लो जरा मुझे
मुझे बुझने मत दो 
नही तो महंगाई कम का वरदान किस्से मांगेंगे।

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