हम युवा हैं,वो नशा नहीं l
प्रगति को ऐलान करने वाली धारा है,
संस्कृती की अनोखी परंपरा है,
वृषभ कंधों का तराना है,
जी हाँ,हम युवा हैं,सभ्यता की नशा हैं।
आसमाँ की विशालता हम पर हैं,
समन्दर की गहराई सी ताकत है,
प्रथम रश्मी की सुनहरे प्यार का एहसास सी है,
हम हैं वो नशे के खिलाफ़ है ,
समाज को भडकाने वाली गुमराही की विरोधी हम हैं,
अंधियारे गली से उठे वो काले धुआँ के विरोधी हम है,
तडप तडप पीड़ा से कराहते युवा पीढ़ी के आज का शब्द हम है,
नशीले नशे की विरोधी हम हैं।
हर पहलू हर कदम, देश की पहचान हम हैं၊
बिना नशे में डूबे भारत देश के पुण्य पवित्र गंगा की अमृत धारा हम हैं,
वीर वीरांगिनी की उज्ज्वल अमर गाधाओं की प्रहरी हम है,
करीब रह रहते हुए ,जगाती हुई भाईचारा हम हैं၊
जी हाँ, हम नशा के विरोधी युवा हैं।
पोथी पढ़ी पढ़ी ज्ञान से प्रज्वल,ज्योती सी हमराह हम हैं,
आसरा की सन्तल सी शीतल छाया में पनपे, बोघिवृक्ष हम हैं,
भगत सिंह की आन -बान -शान से जमे ताकत की पहचान हम हैं,
अब तू टक्कर लगाने वालों का नाम ही हम हैं၊
जी हाँ हम,भारत की युवा हैं।
जायें सावधानी हर कदम नशा के विरुद्घ हम है,
कुर्बानी देकर सदा सजाने वाली भारत माँ की उस सिंदूर का ताकत हम हैं,
एक ही संस्कृति की बगियन में खिल खिले फ़ूल हम हैं,
नशे से टक्कर लगाने वाली प्रचंड आँधी सदा हम है,
जी हाँ हम भारत के युवा हैं।
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