Sunday, 5 November 2023

आवाज - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

 























आवाज

कोयल, कौआ दोनों काले
पर आवाज में है अंतर 
भारी । 
कौआ करता कांव - कांव, 
कोयल की आवाज मीठी, प्यारी। 
आवाज के कारण ही कौए से ज्यादा पसन्द सब कोयल
को करते हैं। 
कोयल की आवाज सुनते ही मानो कानों में मिसरी
घुलते हैं।
ईश्वर ने हमे दिया हैं, आवाज रूपी वरदान। 
बोली सदा मीठी बोलना, 
करना नहीं किसी का अपमान।
मीठी आवाज हमें अपनों के पास लाती हैं। 
मीठी आवाज ही हमें इज्जत दिलाती है। 
मीठी बोली सबको भाती है। 
मीठी आवाज दुश्मन को दोस्त बनाती है। 
आवाज तुम्हारी ऐसी हो, 
जो सबको प्रिय लगे और दे
आनंद। 
कड़वा बोलने वाले को कोई नहीं करता पसंद। 
संगीत की आवाज
लगती हमें बड़ी प्यारी। 
सकारात्मक प्रभाव देती है, 
मिटा देती थकान सारी। 
चाहे कितना भी क्रोध आये, आवाज मीठी ही रखना। 
जब प्रेम से काम बन जाये, 
दुश्मनी किसी से क्यों करना? 
अन्याय होते जब देखो, आवाज उठाना जरूर।
काम ऐसा करो, हो जाओ तुम मशहूर। 
दुख में कोई आवाज दे,
तुरंत पहुँचो उसके पास। 
तुम उसके साथ खड़े हो, 
दिलाओ उसे यह एहसास।
कहते हैं दिल टूटता है तो आवाज नहीं होती।
अपनों की बेरुखी हमसे बर्दाश्त नहीं होती।
कभी - कभी डर से आवाज
नहीं निकलती, हमारी घिग्घी बंध जाती है।
सच के पथ पर चलने
वालों को डरने की नौबत नहीं आती है। 
तीव्र आवाज या शोर से
ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। 
ध्वनि प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक
असर पड़ता है। 
यात्रा पर जब निकलो, 
हार्न जरूरत पड़ने पर ही बजाना। 
ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना, एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाना। 

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
  

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