राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारीवाणी की प्रतियोगिता हेतु
विषय... सुख दुख
नाम..अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता...सुख दुख
जीवन की आपा धापी में
सुख दुख तो आते जाते हैं ।
कर्म करो और संघर्ष करो
फल भी यहीं पर मिलते है ।
जीवन मरण यही तो सत्य है
जो एक दिन सबका होता है ।
सारा सच भाग्य जो लिखा है
समय आने पर वही मिलता है ।
लेख लिख दिया जो ईश्वर ने
उसको कौन बदल सकता है ।
सुख दुख जिस समय लिखा है
उसे कोई नही टाल सकता है ।
किस्मत के है खेल निराले
सारा सच बदलते रहते है ।
मोह माया में भूले इन्सान
दुख आने पर रोने लगते है ।
ईश्वर पर जो रखते भरोसा
सच और सच्चे मार्ग पर चलते ।
ईश्वर के घर देर है पर अंधेर नही
समय आने पर फल मिलते हैं ।
जीवन का आधार यही है
सुख दुख तो आते जाते है ।
सफल जीवन उन्ही का रहता
जो संघर्ष का जीवन जीते हैं ।
जीवन मृत्यु अटल सत्य है
एक दिन सबकी होनी है ।
सारा सच जब जन्म हुआ है
एक दिन मृत्यु भी होनी है ।
जीवन में संघर्ष यहां है
सुख दुख आते जाते है ।
जीवन और मृत्यु के बीच मेंं
संघर्ष मय जीवन जीते है ।
कोई यहां कुछ नही लाया है
न कुछ लेकर ही, जायेगा ।
खाली हाथ ही सब आये हैं
और खाली हाथ ही जायेगा ।
कोई गरीब है कोई अमीर है
कर्म का फल भी मिलता है ।
जीवन में जैसा जो करेगा
फल भी वैसा ही मिलता है ।
जीवन की इस मोह माया में
यहां सभी ,भटकते रहते है ।
ये तेरा है वो मेरा है इन्सान
यही बस सोचते ,रहते हैं ।
बचपन और युवापन में
खेले कूदे और जवान हुए ।
बीती जवानी मौज मस्ती में
देख बुढ़ापे को घबड़ा गये ।
संघर्ष भरे इस जीवन में
सारा सच ईश्वर को भूल गये ।
जिसने उसको याद किया
जीवन से मोक्ष, भी पा गये ।
जीवन मिला है कुछ कर लो
मोक्ष उसी से मिल पायेगा ।
सच्चाई के मार्ग पर चलकर
मंजिल अपनी भी पायेगा ।
माता पिता की सेवा करना
मान सम्मान उनका भी करना ।
सारा सच जीवन मृत्यु होना है
सुख दुख में एक दिन आना है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
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