Wednesday, 8 November 2023

नेता - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'

 























नेता

किसी भी संगठन के लिए नेता जरूरी होता है।
विपरीत परिस्थितियों में भी नेता धैर्य नहीं
खोता है।
नेता  के कंधों पर होती है बड़ी जिम्मेदारी। 
नेता यदि सुयोग्य हो,
संगठन को मिलती हैं खुशियाँ सारी।
नेता अपने संगठन का प्रमुख होता है।
लक्ष्य पाने हेतु नेता सतत प्रयत्नशील होता है।
अपने अनुयायियों के लिए नेता प्रेरणादाई
होता है।
संगठन की सफलता नेता और अनुयायी, दोनों पर निर्भर होता है।
नेता अपने संगठन का नायक होता है।
नेता अपने अधीनस्थों का पथ प्रदर्शक होता है।
नेता अपने सदस्यों में एकजुटता बनाए
रखता है।
समय - समय पर पुरस्कार देकर उनका हौसला बुलंद करता है।
नेता को दूरदर्शी और 
बुद्धिमान होना चाहिए।
संगठन के विकास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
नेता सही दिशा दिखाता है, अच्छा प्रबंधक होता है।
अनुयायियों के सर्वोत्तम हित हेतु सदा तत्पर होता है।
नेता को चाहिए, 
नि: स्वार्थ काम करें।
इमानदार हो, सत्य निष्ठ हो, धीरज सदा धरे।
अनुयायियों को भी नेता में विश्वास रखना चाहिए।
अपने नेता की सहायता कर उनकी
ताकत बननी चाहिए।
अपनी कमजोरी को नेता समझे और उनको दूर करे‌।
कोई भी निर्णय लेते
वक्त हर स्थिति पर विचार करे।
नेता ध्यान रखे, उसके अधीनस्थों पर ज्यादा बोझ न हो।
खुशनुमा वातावरण में वे काम करें, एक दूजे पर विश्वास हो।
नेता को नई तकनीकों का ज्ञान होना चाहिये।
नेता को सदस्यों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। 
नेता को खुद सकारात्मक
सोच रखना चाहिए। 
समय - समय पर टीम के सदस्यों से बात कर उनकी समस्या सुननी चाहिए।
नेता में ऐसी क्षमता हो, तुरंत निर्णय ले और कार्यान्वित करें।
नेता से यदि कोई ग़लती हो, स्वीकार वह करे।
नेता और उसके अनुयायियों में जितना ज्यादा तालमेल बढ़ेगा।
संगठन उतना ही सफलता की सीढ़ी
चढ़ेगा।

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
स्वरचित
वेस्ट बंगाल 

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