हाथों में खिली खिली मेंहदी
माँग में दमकती सिंदूर की लाली
माथे पर बिंदिया
हाथों में खनकती चूड़ियां
पैरों में छनकती पायल
उंगलियों में बिछुए
बालों में गजरा
लाल जोड़ा
सोलह श्रृंगार से सजी दुल्हन
पिया के लिए रखती करवाचौथ का व्रत
जिसमें है प्यार, विश्वास आस्था का संगम
जिससे रहे सुहाग अटल
और बनी रहे जोड़ी
बंधी प्यार की डोर से
यूँ तो करती हर रोज़ ही ये प्रार्थना
पर करवाचौथ का दिन होता बहुत ही खास
जब पूरा दिन निर्जल और बिना कुछ खाये
रात को चांद को देख ही खोलती व्रत अपना
पूरे दिन की तपस्या हो जाती सफल जब पिया अपने हाथों से पानी पिला और कुछ मीठा खिला व्रत खुलाता
और जाता बलिहारी
देख सजी संवरी अपनी संगिनी को
इस तरह बन जाता हर पल खास
ये दिन प्यार, विश्वास और आस्था का।।
....मीनाक्षी सुकुमारन
नोएडा
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