Saturday, 25 November 2023

कार्तिक - डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'



 कार्तिक

कार्तिक मास की महिमा, 
बताते हमारे वेद पुराण। 
हमारे बुजुर्ग भी करते, कार्तिक मास का गुणगान। 
कार्तिक मास बड़ा पावन, 
करते हम हम पूजन, अर्चन।
तारकासुर को मिला था वरदान। 
शिव पुत्र के अलावा कोई, ले नहीं सकता उसकी जान। 
शिव सुत भगवान कार्तिकेय
ने तारकासुर का संहार किया। 
इसलिए इस मास का नाम कार्तिक मास पड़ गया। 
कार्तिक मास में दिवाली के दिन, माता यशोदा ने कान्हा को उखल से बांध दिया।
कान्हा का उदर  (पेट) दाम (रस्सी) से बंध गया, कार्तिक मास का नाम दामोदर मास पड़ गया।
कार्तिक मास में भगवान विष्णु, नारायण रूप में करते हैं जल में निवास। 
जो पूरे मास सूर्योदय से पहले स्नान करता, उसके पूरे होते आस। 
कार्तिक मास में जो करते हैं
अन्न दान। 
पाप उसके कटते हैं, उसे होता पुण्य प्रदान। 
कार्तिक मास में तामसिक भोजन का त्याग करें।
जितना संभव हो गरीबों की मदद करें।
कार्तिक मास में आते अनेक पर्व त्योहार।
पूजा करने, खुशियाँ
मनाने को रहते हम सब तैयार।
करवा चौथ पर सुहागिनें सोलह श्रृंगार करतीं।
पति के दीर्घायु की कामना ईश्वर से करतीं।
कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी, रमा एकादशी कहलाता। 
जो भी इस व्रत को करता, धन,वैभव वह पा जाता।
धनतेरस को भगवान धनवंतरी अमृत कलश ले प्रकट हुए।
नरक चतुर्दशी को भगवान कृष्ण नरकासुर का वध किए।
दिवाली का त्योहार अपने संग खुशियाँ लाता।
होता है अंधकार पर प्रकाश की विजय, यह हमको बतलाता।
कार्तिक मास में माँ लक्ष्मी धरती पर उतरती है।
अपने भक्तों पर वे धन की 
वर्षा करती हैं।
भाई दूज में बहना भाई को तिलक लगातीं। 
भाई को सारे सुख मिले, ईश्वर से प्रार्थना करतीं। 
छठ व्रत की महिमा, जाने सारा संसार। 
तीन दिन उपवास वाले, 
इस व्रत की महिमा अपरंपार। 
छठ पूजा जो करता, उसकी मनोकामना पूरी होती। 
छठ मैया अपने भक्तों का जीवन खुशियों से भर देतीं। 
अक्षय नवमी को आवला
हम खाते हैं। 
देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु चार माह की नींद से जाग जाते हैं। 
कार्तिक मास में भगवान विष्णु ने लिया था मत्स्य अवतार।
कार्तिक पूर्णिमा को भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर का किया था संहार। 
कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व बताया जाता। 
माँ तुलसी की पूजा कर जो
दीप दिखाता, जीवन उसका
खुशियों से भर जाता।

डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी' 

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