Monday, 23 October 2023

नवरात्र - डॉ० अशोक

 


नवरात्र।

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से,
प्रारंभ हो यह एक सुखद अहसास है।
नौ दिनों तक चलने वाली यह शोभा,
लगता एक सबसे सुखद प्रयास है।

यह एक सुखद अहसास समेटे,
संग प्रीत में लगता अटूट विश्वास है।
खुशियां और सुकून देने वाली,
सबसे उन्नत व खूबसूरत प्रयास है।

यहां पर्व नौ रातें हर-एक के मन में,
खुशियां और सुकून देने आतीं हैं ।
खुशहाली और उर्जा मन में लाने में,
सबसे आगे बढ़ती हुई नज़र आती है।

यह हिन्दूओं का एक सबसे प्रखर,
उत्साहित करने वालीं त्योहार है।
आनंदित कर मन में सुकून देने वाली,
सबसे ओज पूर्ण एक व्यवहार है।

शक्ति की सबसे बड़ी प्रतीक देवी दुर्गा की,
हर सनातनी समाज में मान-सम्मान से,
विधि विधान से सर्वत्र पूजा-अर्चना की जाती है।
मन में सुकून व शक्ति की सम्बलता पाने,
मन से श्रद्धा सुमन समर्पित की जाती है।

यह शक्ति तत्व का एक पवित्र उत्सव है,
खुशियां ज्ञान साथ बहुत ले आतीं हैं।
क्षण भर में सब लोगों की सारी बाधाएं,
पलभर में विलुप्त करने में मदद पहुंचाने में,
सारी बाधाएं तोड़ कर खड़ी हो जाती है।

नव स्वरूपों की पूजा सब करते हैं,
नव रंग में घुलामिला एक व्यवहार है।
खुशियां और सुकून देने वाली,
सर्वशक्तिमान देवी एक अवतार है।

माता -रानी अलग-अलग रूप में,
सबके मन मन्दिर में आतीं हैं।
खुशियां और आनन्द से लबालब भर कर,
सबको प्रेम रस में सराबोर कर जाती है।

सिद्धि और साधना में लीन रहते हुए,
यह पवित्र व एक सर्वोत्तम त्योहार है।
सनातनी संस्कार में शामिल लोगों को,
देती है यह सबसे उत्कृष्ट संस्कार है।

डॉ० अशोक,पटना, बिहार।

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