अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच हमारीवाणी
*प्रतियोगिता का विषय*
*युद्ध / लड़ाई / जंग / हमला / हथियार / देश / तबाही / सैनिक / समझोता*
*समझोता*
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
स्वतंत्र हुआ है देश हमारा ,
विजय पर्व मनाएंगे ।
दुश्मन भीतर घुस आया तो,
हिम्मत अपनी दिखाएंगे ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
हमला अगर करोगे तुम तो,
फिर नहीं बच पाओगे ।
युद्ध की अगर ठानी है तुमने,
संभाल नहीं तुम पाओगे ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
लड़ाई लड़ने की सोची तो,
जंग नहीं जीत पाओगे ।
सैनिकों को हाथ लगाया तो,
खुद को बचा न पाओगे ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
डाल दो हथियार सामने,
तबाही से बच पाओगे ।
ना करो अब और लड़ाई,
खुद को सलामत पाओगे ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
समझौता करलो तुम सब,
बस हमने यही ठना है ।
स्वतंत्र रहो तुम सब,
स्वतंत्रता पर्व मनाना है ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
सरा सच कहता है सुनलो,
मत करो सब मनमानी ।
सारा सच के कहने से,
लिख दो सब नई कहानी ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
सारे मिलकर साथ सभी हम,
आओ स्वतंत्र पर्व मनाये ।
किसी देश की ना हो बर्बादी,
आजादी के पर्व मनाये ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
सभी देश के सैनिकों से,
मानवता का व्यवहार करो ।
सभी देश के सैनिकों का,
मिलकर सब सम्मान करो ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
अब हर देश में दीपावली,
खुशियों के दीप जगमगाये ।
आजादी के सभी पर्व को,
विश्व की शांति के लिए मनाये ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
ना हो हा हा कर कहीं भी,
शांति दूत बनाकर अपनाये ।
सुख शांति समृद्धि वैभव का परचम,
सभी देश में अमन चैन का परचम लहराये ।
करलो समझोता तुम,
ना करो देश की बर्बादी ।
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।
रचना का शीर्षक-
*समझोता*
रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है
कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश
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