Sunday, 29 October 2023

समझोता - कवि सुरेंद्र कुमार जोशी

 























अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच हमारीवाणी

*प्रतियोगिता का विषय* 
*युद्ध  / लड़ाई / जंग / हमला / हथियार / देश / तबाही / सैनिक / समझोता*

*समझोता*

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी । 

स्वतंत्र हुआ है देश हमारा , 
विजय पर्व मनाएंगे । 
दुश्मन भीतर घुस आया तो, 
हिम्मत अपनी दिखाएंगे । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

हमला अगर करोगे तुम तो, 
फिर नहीं बच पाओगे । 
युद्ध की अगर ठानी है तुमने, 
संभाल नहीं तुम पाओगे । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी । 

लड़ाई लड़ने की सोची तो, 
जंग नहीं जीत पाओगे ।
सैनिकों को हाथ लगाया तो, 
खुद को बचा न पाओगे । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी । 

डाल दो हथियार सामने, 
तबाही से बच पाओगे । 
ना करो अब और लड़ाई, 
खुद को सलामत पाओगे । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी । 

समझौता करलो तुम सब, 
बस हमने यही ठना है । 
स्वतंत्र रहो तुम सब, 
स्वतंत्रता पर्व मनाना है । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

सरा सच कहता है सुनलो, 
मत करो सब मनमानी ।
सारा सच के कहने से, 
लिख दो सब नई कहानी ।

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

सारे मिलकर साथ सभी हम,
आओ स्वतंत्र पर्व मनाये । 
किसी देश की ना हो बर्बादी,
आजादी के पर्व मनाये ।

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

सभी देश के सैनिकों से, 
मानवता का व्यवहार करो । 
सभी देश के सैनिकों का, 
मिलकर सब सम्मान करो । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

अब हर देश में दीपावली, 
खुशियों के दीप जगमगाये । 
आजादी के सभी पर्व को,
विश्व की शांति के लिए मनाये । 

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

ना हो हा हा कर कहीं भी, 
शांति दूत बनाकर अपनाये ।
सुख शांति समृद्धि वैभव का परचम, 
सभी देश में अमन चैन का परचम लहराये ।

करलो समझोता तुम, 
ना करो देश की बर्बादी । 
स्वतंत्र भारत ने दी हमको
स्वतंत्रता की आजादी ।

रचना का शीर्षक-
*समझोता*

रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है

कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश


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