जिम्मेदारी
जिम्मेदारी से भागना नहीं, जिम्मेदारी निभाना है।
जिम्मेदारी पूरी करने के लिए जी जान लगाना है।
जिम्मेदारी उसी को दी जाती है जो उसे पूरी करने के लायक होता हैं।
गैर जिम्मेदार व्यक्ति को कौन ज़िम्मेदारी देता है।
पहली जिम्मेदारी हमारी
अपने प्रति है,अपना ध्यान
रखना है।
योग करना है, स्वस्थ रहना है, सदा खुश रहना है।
हमारे माता-पिता ने अपनी
जिम्मेदारी बखूबी निभाया।
हमारी इच्छाओं को पूरी
करने के लिए अपनी इच्छाओं को दबाया।
हमें अपने माता-पिता को हर हाल खुश रखना है।
उनकी हर अधूरी इच्छा को
हमें पूरा करना है।
शिक्षक की जिम्मेदारी है,अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास करना।
उन्हें अच्छी शिक्षा देना,
उनका व्यक्तित्व
निखारना ।
आज माता-पिता की जिम्मेदारी है,
बच्चों को अच्छी तरह पालना ।
बच्चों को अच्छी शिक्षा
दिलाना, उनमें अच्छे संस्कार डालना।
देश के युवाओं को देश के प्रति जिम्मेदारी है निभाना
समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना, स्वच्छ भारत बनाना।
डॉक्टर, धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप कहलाते हैं।
रोगी उनके पास बहुत आशा लेकर जाते हैं।
डॉक्टर की जिम्मेदारी है
रोग का निदान करना।
मरीज और उसके घरवालों से अच्छे से पेश आना, रोगी को प्रोत्साहित करना।
कुछ जिम्मेदारियांँ हम सबकी है, हमें उन्हें निभाना होगा।
देश को समृद्ध और खुशहाल बनाना होगा।
पर्यावरण संरक्षण की तरफ ध्यान सभी को दिलाना है।
पेड़ - पौधों का महत्व हर किसी को समझाना है।
गंगा को हमारे यहाँ माँ का दर्जा दिया जाता है।
हर पावन काम में गंगा जल उपयोग में लाया जाता है।
गंगा प्रदूषण मुक्त रहें, यह जिम्मेदारी हम सबको निभाना होगा।
गंदगी गंगा में न पड़ें, यह ध्यान रखना होगा।
हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाय तो हम सबके जीवन सुखमय होंगे।
सुख दुख में एक दूजे के काम आयेंगे,हम सब आपस में मिल कर रहेंगे,
डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
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