Monday, 16 October 2023

पिता - डॉ० अशोक


 


















पिता।

ज़िन्दगी के सफ़र में,
आगे बढ़ाने वाले शखिसियत,
पिता कहलाता है।
रक्त बीज को,
शरीर में पहुंचाता है।
यह एक ईश्वरीय वरदान है,
पिता ज़िन्दगी में,
आन बान और शान है।
यहां समर्पित भाव है,
बेटे बेटियों के लिए,
सम्पूर्ण जीवन एक अध्याय है।
पिता ही संसार है,
दुनिया की हर खुशियां लेकर आता है।
झंझावात मन में पिता ही,
सुकून और खुशियां का पान कराने में,
सबसे पहले आता है।
बेटे- बेटियों को जन्म देकर,
सुखद अहसास और सुकून दिलाता है।
समाज में अपने बच्चों को,
जन्म से लेकर वर्तमान तक का,
सम्पूर्ण सद्भाव से अवगत कराता है।
पिता की दुनिया में,
सबकुछ सम्भव है।
अपने सन्तानों के लिए,
कुछ नहीं असम्भव है।
पिता सहारा है,
उन्नत विश्वास है।
भीड़भाड़ में सुकून और खुशियों का,
दिलाता अहसास है।
पिता की दुनिया में,
सबकुछ आवाद रहता है।
खुशियां और सुकून की,
बरकत दिखता है।
पिता है तो जग संसार है,
बिन पिता सबकुछ सुनसान है।
यह सम्पूर्णता और अपनत्व है,
वैश्विक संकेतों से,
सबसे बड़े पहरेदार का रखता महत्व है।

डॉ० अशोक,पटना,बिहार।

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