युद्
यूक्रेन-रूस के युद्ध मे भारतीय पत्रकारों,केमरामेन, आदि लगातार अपनी सेवा रिपोर्टिंग के जरिए दी थी।हमास और ईजराइलयुद्ध की विभीषिका का हाल टीवी पर समाचार के जरिए देख ही रहे है।युद्ध विनाश का प्रतीक होता है।युद्ध के दौरान मिसाइल,सल्फर बम आदि से सभी दिशाओं से हमला कर विमानों, हवाई सुरक्षा व्यवस्था,बिल्डिंग को ध्वस्त किया।सबके अपने अपने दावे कोई विमानों सेनिको,टैंकों को ध्वस्त करने का दावा कर रहा।युद्ध की स्थिति में सही तरीके से कोई देश सपोर्ट नही कर रहा है।युद्ध से शेयर बाजार,सेंसेक्स, कच्चे तेल के दाम आदि भी बेहाल होने की कगार पर जा पहुँच सकते है।जिसका असर बढ़ते दाम के रूप में अन्य देशों को भुगतना पड़ेगा।युद्घ की विभीषिका बहुत ही खतरनाक होती है।युद्ध के दृश्य टीवी चैनलों पर दिखलाया जा रहा है।वहाँ पर कर्फ़्यू होने से वहाँ रह रहे लोगो को पता ही नही चल रहा की बाहर क्या हो रहा,उन्हें सिर्फ धमाकों के साउंड सुनने में आरहे है। टीवी पर समाचारों के जरिए हम युद्ध के हालात देख कर विचलित और चिंतित हो रहे है।युद्ध को रोका जाना ही मानव जाति के उचित होगा।युद्ध से पीड़ित देश विकास में पिछड़ जाएंगे,आर्थिक रूप से।युद्ध की विनाशलीला को रोके जाने की पहल की जाना आवश्यक है। अंतराष्ट्रीय देशों की संधि बेलगाम होती दिखाई दे रही है।पहल युद्ध रोकने की किसी ने नही की।सब युद्ध का तमाशा देख रहे।
संजय वर्मा"दॄष्टि"
No comments:
Post a Comment