सारा सच प्रतियोगिता
विषय सावन
धरा की तपन मिटाने,
मेघा अंबर छाये।
छमाछम होती बारिश,
सावन सबके मन भाए।।
मुरझा गए पेड़ पौधे,
हाल बेहाल थे गर्मी से।
इंद्रदेव से अरज करें ,
हैरान सभी तपती धरती से।।
ताल तलैया भर गए हैं,
झर झर सरिता गीत सुनाए।
झींगुर पतंगे सब हर्षित,
बारिश में बच्चे खूब नहाए।।
खेत खलिहान हरे भरे,
हरी हरी डाली डाली।
महक रहे पुष्प बाग में,
प्रकृति की है शोभा निराली।।
पीहू पीहू बोले पपीहा,
मयूर वन में नृत्य दिखाए।
तीज त्योहार सावन भादो,
सावन सबके मन को भाए।।
सावन पावन मास अति,
भोले बाबा के मन भाये।
पूजन अर्चन करो शिव का,
बाबा बैठे धूनी रमाए।।
सारा सच है कि करो भक्ति,
बैठे हैं शिव ध्यान लगाए।
नमः शिवाय का जाप करो,
साबुन सबके मन भाए।।
@पदमा तिवारी दमोह मध्य प्रदेश
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