राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच की साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
विषय ... देवी / दुर्गा
अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता...
देवी / दुर्गा
देवी दुर्गा मां की महिमा है
मां अम्बे है दुर्गा काली है ।
सारा सच सिंह पर सवार हैं
वो देवी मां शेरों वाली हैं ।
देवी दुर्गा मां हैं निराली
मां जगदम्बे है काली है।
सब भक्तों की रक्षा करती
देवी मैया है शेरो वाली है।
नौ दिन तक दरबार सजा है
सारा सच दरबार लगा है ।
प्रथम शैलपुत्री मैया देवी हैं
द्वितीय ब्रह्मचारिणी मैया हैं ।
तृतीय मां चंद्रघंटा देवी है
चतुर्थ कूष्मांडा देवी है ।
पंचमी स्कंदमाता जी है
सारा सच षष्ठी कात्यानी मां है ।
सप्तमी कालरात्रि मैया
अष्टमी मैया महागौरी है ।
नवमी सिद्धिदात्री माता
मैया सब भक्तों को प्यारी है ।
करें कामना मिल मैया की
मां सुनती सबकी पुकार हैं ।
करे भक्त आराधना मां की
अदभुत माता का दरबार है ।
देवी मां की महिमा निराली
मां अम्बे हैं दुर्गा काली हैं ।
दुष्टों का करती संहार हैं
जय मां हैं दुर्गा काली हैं। ।
मैया है सबकी देवी है मां
तेरी शरण में आया हूं मां ।
मैया शारदे जगदम्बा हैं मां
ज्ञान का दीप जला दें मां ।
मैं अज्ञानी बालक हूं मां
कुछ थोड़ा ज्ञान मुझे दे मां ।
पूजा अर्चना करूं मैं तेरी
इस अज्ञानी की सुन ले मां ।
जीवन में अंधकार सामने
प्रकाश का दीप जला दें मां ।
सारा सच रोशनी भर दे
मन में उजियारा कर दे मां ।
जीवन ज्योति जले जब तक
जीवन में खुशियां भर दे मां ।
सारा सच जीवन में सूना है
बच्चों को खुशियां दे दें मां ।
जीवन है अनमोल सभी का
बिना ज्ञान ये अधूरा है मां ।
ज्ञान की तूं तो दाता है मां
ज्ञान सभी को बस दे दें मां ।
सारा सच देवी दुर्गा मैया है
तेरी शरण में आया हूं मां..
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
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