विश्वकर्मा.....
शिल्पकार, शिल्प प्रजापति,
आपके शिल्प की महिमा गाते l
कर नमन शिल्प कला को
विश्वकर्मा को शिश झुकाते l
देवों के लिए विश्वकर्मा आपने,
स्वर्ग लोक निर्माण किया ।
कुबेर की कुबेर नगरी बनाई ,
यम की यमपुरी का निर्माण किया।
शिल्प जगत में विश्वकर्मा के नाम का बजता है डंका,
रावण के लिए तुमने बनाई,
श्रीलंका में सोने की लंका ।
वृंदावन ,सुदामा नगरी,
द्वारिका तुमने बनाई ।
इंद्रप्रस्थ का निर्माण कर
पांडवों की नगरी बसाई ।
गरुड़ भवन ,पाताल लोक ,
विश्वकर्मा जी ने बनाया ।
शिल्पकला को इस जग में ,
जन-जन तक पहुंचाया ।
यमराज के लिए तुमने ,
काल पाश का काम किया।
ऋषि दधीचि की हड्डियों से
वज्र का निर्माण किया ।
करण के लिए कवच कुंडल ,
शिव त्रिशूल तुमने बनाया l
पुष्पक विमान बनाकर तुमने ,
देव इंजीनियर पद पाया l
विष्णु जी का बना सुदर्शन
देवों में नाम कमाया ,
विश्वकर्मा के शिल्पकला को पूरे जग ने अपनाया।
दिलीप कुमार शर्मा "दीप" देवास मध्य प्रदेश
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