Saturday, 11 March 2023

दीवाली - गोरक्ष जाधव

 
























दीवाली

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना,
अंधेरे को मिटाकर सबको विश्वास देना,
जब भी हो अज्ञान का अंधेरा घना,
सबको सूरज का वह संदेश देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

नित्य है दिन,नित्य रात होगी,
रात के बाद भोर की सौगात होगी,
अपनी चिंताओं से परेशान हर इंसान होगा,
उन्हें  भी धैर्य का शाश्वत आश्वासन देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

जब भी अपने छोड़ देंगे साथ,
जब भी असंभव लगेगी हर बात,
अंतर्ज्योति को प्रज्वलित कर देना,
हर एक को जीत का यकीन देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

धूप-छाँव का खेल होगा,
सुख-दुख का मेल   होगा,
निराशा होगी, हाताशा होगी।
फिर भी उम्मीद की रोशनी दिखा देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

हर बांस में सांस होगी,
हर बाँसुरी में आस होगी,
सबको अपने हिसाब का,
मुक्कमल जहान  देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

सबका एक आकाश होगा,
सबका एक प्रकाश होगा,
बुझे हुए दीप को ज्योति से मिला देना,
सबको दीप बना देना।

हर दीप का धर्म है सबको प्रकाश देना।

गोरक्ष जाधव©®
मंगलवेढा, महाराष्ट्र

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