Wednesday, 1 March 2023

धर्म - कवि सुरेंद्र कुमार जोशी

 
























*अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य प्रतियोगिता मंच - "हमारीवाणी"*


 *प्रतियोगिता का विषय* 
*धर्म / जाति / ऊच / नीच / बड़ा / छोटा / समाज / बिरादरी / सामान्य*

धर्म

धर्म का अनुसरण कर जाति ऊंच-नीच,
भेद सारा मन का मिटाइये । 
बड़ा छोटा कोई नहीं समाज में एकता, 
सामान्यता का रूप दिखाइये । 

चमकते दमकते कोहिनूर है हम सब, 
माला में पिरोकर सुमेरु बन जाइये । 
एकता के परिचायक हे हम, 
सभी मिलकर एक हो जाइये । 

खंड खंड में क्यों रहते हो सब भाई, 
सब मिलकर अखंड भारत बनाइये । 
विश्व गुरु बनेगा सबका भारत देश, 
सब मिलकर इसे विश्वगुरु बनाइये । 

बिरादरी में मिलकर सबको समझाकर, 
अनेकता में एकता का परिचय दीजिये । 
जात पात भेद भाव भूल करके सब, 
मर्यादित रहने का ज्ञान सबको दीजिये । 

मिट जाये भेदभाव हर तन मन का सब, 
एकता का मंत्र सब गुन गुनाना सिखिये   । 
अब नया इतिहास स्वर्णिम हो जाएगा, 
एक बार सब मिल कोशिश तो कीजिये। 

सारा सच कहता है सुनो सब पुकार को, 
सारा सच साथी सब एक हो जाइये । 
सभी मिलकर एकता का मंत्र पढ़ कर, 
ज्ञानी होकर सब महाज्ञानी बन जाइये । 

रचना का शीर्षक *धर्म*

रचना पूर्ण रूप से मौलिक है सत्य एवं प्रमाणित है

कवि सुरेंद्र कुमार जोशी
ग्राम- जोलाय
तहसील- सोनकच्छ
जिला -देवास /मध्य प्रदेश

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