राष्ट्रधर्मिता की यदि बात हो
सरहद के सिपाही पर आघात हो
तो क्षमा याचना नहीं - रण चाहिए
सरपरस्ती का अटल प्रण चाहिए
देश की प्रजा प्रबल-प्रखर कुंदन है
देश पर न्योछावर तन मन धन है
पथ कंटको की परवाह नहीं
वीर शहीदों सा मृत्यु वरण चाहिए
हम हंसकर शूलों पर चढ़ जाएंगे
आंधी हैं - हर तूफां से टकराएंगे
हम अमर शहीदों की आह्वान है
हमें जीवन जय या मरण चाहिए
हम सत्य सनातन धर्म के पुजारी हैं
राष्ट्रअस्मिता हेतु कृपाण है कटारी है
पाश्चात्यसभ्यता का अनुकरण नहीं
भारतीय संस्कृति का अनुसरण चाहिए
जीवन जय या.. मरण चाहिए
क्षमा याचना नहीं -रण चाहिए।।
संगीता बनाफर
छत्तीसगढ़
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