*धनतेरस*
पाँच दिनों की दिवाली महोत्सव
में धनतेरस का स्थान प्रथम आता है
धनतेरस कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है
धनतेरस को समृद्धि का त्योहार
कहते हैं
पूरे भारत में धनतेरस धूमधाम से मनाते हैं
धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धंवन्तरि प्रकट हुए, अमृत कलश कर में लिए
चिकित्सा विज्ञान के प्रसार हेतु
भगवान धंवन्तरि अवतार लिए
धनतेरस को 'राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस' के रूप में मनाया जाता है
धंवन्तरि जी से सबके स्वस्थ रहने का आशीर्वाद मांँगा जाता है
धनतेरस का धन्य तेरस या ध्यान तेरस भी है नाम
धनतेरस को योग निरोध के लिए गये महावीर भगवान
धनतेरस के दिन धनवंतरि जी,
मृत्यु के देवता यम, धन की देवी लक्ष्मी, और धन के स्वामी कुबेर जी को पूजा जाता है
धनतेरस के दिन बर्तन घर लाया जाता है
पंचोत्सव के पहले दिन सोना, चाँदी पीतल घर लाया जाता है
माँ लक्ष्मी को पान है अति प्रिय
लालच, बदले की भावना नहीं रखें अपने हिय
धनिया और झाड़ू खरीदने का भी विधान है
नया वाहन खरीदने का भी रिवाज है
धनतेरस के दिन धंवन्तरि जी और लक्ष्मी जी से मांगे यह वरदान
स्वस्थ रहे पूरी दुनिया, सबको मिले मान सम्मान
डॉ० उषा पाण्डेय 'शुभांगी'
स्वरचित
वेस्ट बंगाल
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