Tuesday, 14 March 2023

पूजा - अनन्तराम चौबे अनन्त

 
























राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी
साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु

विषय .... पूजा
नाम.. अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता ...       

          पूजा 

पूजा पाठ नियम से करना
ईश्वर में भी श्रद्धा रखना ।
यही धर्म है यही कर्म है
ईश्वर को न कभी भूलना ।

श्री गणेश जी दुखहर्ता है
प्रथम पूज्य गणेश देवा है ।
माता जिनकी पार्वती
पिता  महादेवा है।

गणेश पूजा प्रथम करो
मन वांछित फल पाओ ।
गणेश जी की महिमा से
सब कष्टों से मुक्ति पाओ ।

एक दंत दयावंती 
चार भुजाधारी ।
माथे सिंदूर सोहे 
मूसा की सवारी ।

माता पार्वती के नंदन है
जय गणपति जग वंदन है ।
जय गणपति बप्पा सबके है
करते  हम सब अभिनंदन हैं ।

माता ने अपनी सुरक्षा में
पुत्र गणेश को जन्म दिया ।
शिव शंकर भोले बाबा को
इसका भी न आभास हुआ ।

माता की आज्ञा पालन में
देवताओं से युद्ध किया ।
सारा सच है महादेव को भी
दरवाजे पर ही रोक दिया ।

मां की आज्ञा पालन करने में
महादेव से घमासान युद्ध हुआ ।
पिता पुत्र के बीच ,इस युद्ध में
पुत्र गणेश का ही बलिदान हुआ ।

दृश्य देख मां पार्वती का
क्रोध से मन थर थर थर्राया ।
पुत्र को जीवित करने का
सारा सच संकल्प दोहराया ।

आनन फानन में महादेव ने
गजराज का सिर मंगवाया ।
पुत्र गणेश के सिर पर ही
गजराज के सिर को लगवाया ।

जीवित हुए गणपति नंदन 
सारा सच नाम गजानन पाए ।
पिता पुत्र मां पार्वती के
खुशियों से हैं  मन  हर्षाए  ।

स्वर्ग लोक के सारे देवता
जब भी कष्ट में होते हैं ।
राक्षस जब भी स्वर्गलोक में
अपना आधिपत्य जमाते हैं ।

श्रीगणेश जी राक्षसों का 
वध करके मार गिराते हैं ।
 देवताओं की रक्षा करके
अपना दायित्व निभाते हैं ।

   अनन्तराम चौबे अनन्त
    जबलपुर म प्र

No comments:

Post a Comment