Thursday, 9 February 2023

जोड़ना बहुत मुश्किल है - प्रा.गायकवाड विलास

 























*सारा सच प्रतियोगिता के लिए रचना*
**विषय: जोड़ना*
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*जोड़ना बहुत मुश्किल है*
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    (छंदमुक्त काव्य रचना)

तोड़ना आता है हर किसीको इस जहां में,
मगर जोड़ना बहुत मुश्किल है इस संसार में।
इसीलिए तोड़ना सोचो ही मत अपने जीवन में,
क्योंकि टूटनेवालों की तकलीफें आज तक कौन यहां जान सका है।

तोड़कर कभी देखो किसी भी इन्सानों का दिल,
फिर उसी को जोड़ने के लिए कई साल गुजर जाते है।
ये तोड़ने की नीतियां और खेल है बड़ा ही बेरहम,
क्योंकि इसी खेल में अपने भी पल में पराएं हो जाते है।

घाव जब भी हो जाता है किसी के भी दिल पर तो,
दरारें तो भर जाती है,लेकिन वही दाग़ उम्रभर दूख देता है।
कारवां युंही नहीं बनता कभी किसी के जीवन में,
उसी के लिए निर्मल मन और नीतियां अच्छी होना जरूरी है।

कभी देखो डालियों पर खिलते फूल लगते है कितने सुन्दर,
और अपनी खुशबू से सभी का मन प्रसन्न करते है।
गर वही फूल डाली से तोड़कर अलग करोगे तुम,
तो कुछ ही पल में वो सूख कर बेजान हो जाते है।

जहां होता है सच्चा प्रेम और अपनापन हृदय में,
वहीं पर अपनों का मेला सदा के लिए लगा रहता है।
उन्हें ही आता है सिर्फ जोड़ना इस संसार में,
उसी के साथ इस जहां में हरपल कारवां होता है।

तोड़ने के लिए यहां लगता है सिर्फ एक ही पल,
मगर जोड़ने के लिए लगते यहां है कई सालों साल।
इसीलिए जोड़कर रखो सभी को अपने हृदय से,
क्योंकि जोड़कर रखना ही यहां सबसे कठिन और मुश्किल काम है।

गर्व,अहंकार और नफ़रत जहां होती है संसार में,
वही पर अकेलापन और पतझड़ सी जिंदगी है।
और जहां होता है प्रेम का सागर हृदय में अखंड,
उसी के जीवन में यहां सदा के लिए कारवां होता है।

जो सिर्फ जोड़ना जानते है इस संसार में,
वही लोग अपने कर्मों से यहां अमर हो जाते है।
सदियों तक उन्हें याद करता है ये सारा संसार,
क्योंकि वो अपने कर्मों से ही यहां यादगार बन जाते है।

प्रा.गायकवाड विलास.
मिलिंद महाविद्यालय लातूर.

      महाराष्ट्र

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