Thursday, 9 February 2023

मुंगेरी चला डॉक्टर बनने - श्याम निर्मोही

 


मुंगेरी चला डॉक्टर बनने

हमारे आस-पास ऐसे कई स्वनाम धन्य लोग मिल जाते हैं जो स्वयं को शायर, डॉक्टर और राष्ट्रीय कवि भी लिखते हैं। मैं यही सोच रहा था कि इतने में मुंगेरी आ गया।

मुंगेरी ने आते ही कहा-"भाई! मुझे अपने नाम के साथ डॉक्टर लगाना है इसलिए मैं पीएचडी करना चाहता हूॅं ।"

मैंने कहा- "क्यूं , चार-पांच साल के झंझट में पड़ना चाहता है, कोई खड़ूस गाइड मिल गया तो छह साल तक लंबा खींच देगा।"

मुंगेरी - "तो ऐसे में मैं क्या करूं?"

मैंने कहा - "वही करो जो चौबेजी ने किया, छह माह में चौबेजी, डॉक्टर चौबेजी हो गए।"

मुंगेरी ने पूछा-वो कैसे !

मैंने कहा- "मुंगेरी ! लोग अपने नाम को चमकाने के लालच में फर्जी उपाधि भी खरीदने से नहीं चूकते हैं। चौबेजी आजकल अपने नाम के साथ डॉ. लगाकर आत्ममुग्ध हो रहें हैं।"

ये सुनकर मुंगेरी के मन में भी लालच आ गया । 

मुंगेरी कहने लगा-"दुबेजी! ये तरीका तो ठीक है, जब रेगुलर पीएचडी नहीं कर सकते हो तो फर्जी उपाधि खरीदकर ही अपने नाम के साथ छद्म तरीके से ही सही डॉक्टर तो लगा ही लो। कौन पूछता है कि आपने PhD कहाॅं से की ? नाम के साथ डॉ. लगाके कुछ तो आत्मसुख मिलेगा और सुनो दुबे जी! मुंगेरी तो ये चला आज से अपने नाम के साथ डॉक्टर लगाने।"

मैंने कहा -" नहीं नहीं मुंगेरी ! ऐसा मत करना। झूठ ज्यादा दूर तक नहीं चल सकता, सच जब सामने आता है तो कोई निर्लज्ज ही होता है जो शर्मिन्दा न हो।"

श्याम निर्मोही
Rajasthan 

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