Wednesday, 22 February 2023

शहीदे आजम: सरदार भगत सिंह - आर सी यादव









*।। शहीदे आजम: सरदार भगत सिंह...।।*


सिंह गर्जना थी तुम में
साहस अदम्य, बल पौरुष था ।
मां भारती के अमर पुत्र
बुद्धि विवेक अपर बल था ।।

श्रेष्ठ विचारक, लेखक, चिंतक
वक्ता प्रखर , अद्भुत गुण था ।
मन था शांत , ज्वाला थी उर में
उच्च कोटि का सद्गुण था ।।

देश घिरा जब निर्मम - निर्दय
अंग्रेजी अत्याचारों से ।
भारत माता चीख उठी थी 
संगीनों के घातक वारों से ।।

गूंज उठा था आसमान भी 
इंकलाब के नारों से ।
सोई धरती जाग उठी थी
रणबांकुरों के हुंकारों से ।।

धधक उठी उर में ज्वाला जब 
देश घिरा अंधियारों से ।
बांध कफ़न मर मिटे वतन पर
डरे नहीं तलवारों से ।।

शूल सदृश बन चुभ रहा था
जलियांवाला बाग हृदय में ।
काकोरी के शूरवीर भी 
लीन हुए थे चिरनिंद्रा में ।।

राजगुरु, सुखदेव साथ मिल
साण्डर्स को उठा दिया ।
असेंबली में देकर संदेश
अपना पौरुष दिखा दिया ।।

राष्ट्रभक्त, सच्चे प्रहरी बन
क्रांति का सूत्रपात किया ।
अंग्रेजी शासन से नहीं डरेंगे 
युवकों को नव राह दिया ।।

मुखर हो उठी क्रान्ति देश में 
जनता में नवयौवन आया ।
नौजवान संगठन बनाकर
आजादी का बिगुल बजाया ।।

चिरनिंद्रा में शांत सो गए
अक्षय अचल यह नाम रहेगा ।
नमन तुम्हें हे !  क्रांतिवीर
तुम पर गौरव अभिमान रहेगा ।।

       *______ आर सी यादव*
दिल्ली 

No comments:

Post a Comment