Friday, 10 February 2023

भारत - दिलीप कुमार शर्मा दीप

 















भारत ....
स्वर्ग से सुंदर इस धरती पर मेरा भारत देश,
शीतल मंद सुगंध है बहती,
हरा भरा परिवेश l
नदिया कल-कल बहती,
देश की गाथा कहती l
पुरवाई बहती रहती ,
बहते रहो सदा यह कहती l

राम -कृष्ण की भूमि यह,
गौतम ,महावीर की माटी l
कश्मीर की छटा निराली,
है फूलों की यहां घाटी l
अलग-अलग है संस्कृति,
अलग-अलग है वेष ।
हम एक हैं दुनिया कहती,
प्यार से जनता रहती ।
जब -जब भारत देश पर कोई संकट है आया,
एकता के स्वर हे गाए ,सब ने मिलकर कदम बढ़ाया ।
दुश्मनों को सदा दिया है,
एकता का संदेश ।
एकता अखंड है रहती,
साथ बढ़ती ही रहती,
एकता बढ़ती रहती
 एकता अखंड है रहती।
 महापुरुषों की धरती ,
 वीरों की यह धरा है l
सारे जग से अनुपम ,
भारत वसुंधरा है l
गीता कर्म की शिक्षा देती,
रामायण आदर्श संदेश l
जनता संदेश है सुनती,
जीवन के ताने बुनती l
शांति की धारा बहती ,
सद्भाव बढ़ाती रहती l
ऋषि-मुनियों की तपोभूमि है,
 वैज्ञानिकों का देश।
नारियों ,वृक्षों की पूजा होती,
कन्या अंबा का वेष।
दुनिया पूजा करती,
पैरों में रोली सजती ।
कितने सुंदर वन उपवन है,
कितनी सुंदर वादी।
जहां रोज परियों की,
कहानी सुनाती दादी ।
संस्कारों की शिक्षा देती,
पढ़ो , बढ़ो यह कहती ।

दिलीप कुमार शर्मा दीप देवास मध्य प्रदेश

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