Thursday, 9 February 2023

लालच - अनन्तराम चौबे अनन्त

 















राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य मंच हमारी वाणी

विषय ... लालच
नाम.. अनन्तराम चौबे अनन्त जबलपुर म प्र
कविता...

          लालच

सादा जीवन उच्च विचार
यही तो जीवन का आधार ।
जितनी चादर हो पैर पसारो
सादा जीवन सुख से गुजारो ।

देखा देखी कभी न करना
जो मिल जाए बस खुश रहना ।
ये मिल जाए वो मिल जाए
कभी न ऐसी लालच करना ।

कर्म करो फल अवश्य मिलेगा
आज नही तो कल मिलेगा ।
भाग्य से ज्यादा वक्त के पहले
कभी किसी को नही मिलेगा ।

देने वाला भगवान है दाता
साथ में किस्मत लिख देता है
कर्म के हिसाब से जन्म मिलता है 
भाग्य जन्म से जुड़ा होता है ।

बुरा कर्म जीवन में करोगे 
उसका फल भी पाओगे ।
गरीब घर में जन्म मिलेगा 
जीवन भर फिर पछताओगे ।

सारा सच सुख दुख आते जाते है 
आज हैं कल वो बदल जाते हैं ।
हिम्मत से जो काम करोगे
बिगड़े काम भी बन जाते है ।

सादा जीवन उच्च विचार से
सारा सच पहचान बनाओगे ।
कभी किसी का बुरा न सोचो
जीवन को सफल बनाओगे ।

माता पिता भाई बहिन के
साथ में मिलकर हमेशा रहना ।
जीवन सभी का सुखमय होगा
सारा सच सब खुश भी रहना।

अपने साथ में माता पिता का
घर परिवार का नाम रोशन करोगे ।
लालच जीवन में कभी न करना 
सभी का जीवन सफल बनाओगे ।

  अनन्तराम चौबे अनन्त
  जबलपुर म प्र

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