कैद ..
कैद एक चार दिवारी,
एक ऐसा स्थान,
जहां संवैधानिक कानून तोड़ने वालों को
संविधान विरुद्ध काम करने वालों को l
सजा के तौर पर एक निश्चित अवधि के लिएरोका जाता हैl
सुधरने का और प्रायश्चित का एक अवसर दिया जाता है l
स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है l
अच्छा इंसान बनने के लिए मानवीय गुणों को सिखाया जाता है।
कैद एक शिक्षा देती हैं,
संवैधानिक नियमों पर चलने की।
दूसरों के अधिकारों को पालने एवं स्व के कर्तव्य की।
इस प्रकार के एक जेल का नहीं बल्कि सुधार ग्रह है।
जहां से व्यक्ति मानवीय गुण धारण करके आता है,
और अपने पुराने कर्मों को भूलकर समाज का अंग बन जाता है।
दिलीप कुमार शर्मा दीप
MP
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